देश-प्रदेश

PM मोदी ने लॉन्च किया 130 करोड़ रुपये की लागत से बनी ये मशीन, जानें क्या हैं खूबियां

नई दिल्ली: सुपरकंप्यूटिंग तकनीक के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधान मंत्री मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (nsm) के तहत लगभग 130 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित तीन स्वदेशी रूप से विकसित परम रुद्र सुपरकंप्यूटर लॉन्च किए. अत्याधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान की सुविधा के लिए इन सुपर कंप्यूटरों को पुणे, दिल्ली और कोलकाता में तैनात किया गया है.

इन शहरों में आया ‘सुपरकंप्यूटर’

महाराष्ट्र पुणे में जाइंट मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) फ़ास्ट रेडियो विस्फोट (fast radio burst) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपर कंप्यूटर का लाभ उठाएगा. दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) Materials Science और Nuclear Physics जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देगा. कोलकाता में SN Bose Center भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगा.

पीएम मोदी ने किया शुभारंभ

PM मोदी ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए डिज़ाइन की गई high performance computing (HPC) प्रणाली का भी उद्घाटन किया. यह परियोजना 850 करोड़ रुपये के इंवेस्टमेंट का रिप्रजेंटेशन करती है, जो मौसम संबंधी ऐप्लिकेशन के लिए भारत की computational क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण छलांग है. दो प्रमुख स्थलों, पुणे में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) और नोएडा में नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट (NCMRWF) में स्थित, इस एचपीसी प्रणाली में असाधारण कंप्यूटिंग शक्ति है. नई HPC (हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग) सिस्टम को ‘अर्का’ और ‘अरुणिका’ नाम दिया गया है, जो सूर्य से उनके संबंध को दिखता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मिशन गगनयान की तैयारी शुरू हो गई है और 2035 तक भारत के पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा।

जानें परम रुद्र की खूबियां

1. (Param Rudra Supercomputer) बहुत तेज़ गति से काम्प्लेक्स कैलकुलेशन और सिमुलेशन को संभालने में सक्षम हैं.

2. इसका उपयोग मौसम पूर्वानुमान, जलवायु मॉडलिंग, दवा की खोज, materials science और AI जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए किया जा रहा है.

3. ये सुपर कंप्यूटर रिसर्चर को चुनौतीपूर्ण समस्याओं से निपटने और महत्वपूर्ण खोजें करने के लिए आवश्यक कम्प्यूटेशनल उपकरण प्रदान करेंगे.

4. जाइंट मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) तेज रेडियो विस्फोट (FRBs) और अन्य एस्ट्रोनॉमिकल घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपर कंप्यूटर का लाभ उठाएगा.

5. दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) materials scienceऔर nuclear physics जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देगा.

6. कोलकाता में एसएन बोस केंद्र physics, cosmology और earth science के क्षेत्र में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगा।

 

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Aprajita Anand

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