नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतर्राष्ट्रीय वकील सम्मेलन 2023 का उद्घाटन किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन उस दौर में हो रहा है जब भारत कई ऐतिहासिक कदम उठा रहा है. सम्मलेन में पीएम मोदी के साथ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और […]
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतर्राष्ट्रीय वकील सम्मेलन 2023 का उद्घाटन किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन उस दौर में हो रहा है जब भारत कई ऐतिहासिक कदम उठा रहा है. सम्मलेन में पीएम मोदी के साथ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल मौजूद रहे.
अंतर्राष्ट्रीय वकील सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल ही में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हुए. आजादी की लड़ाई में कानूनी बिरादरी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई. स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए कई वकीलों ने अपनी प्रैक्टिस छोड़ दी. दुनिया आज भारत पर विश्वास क्यों करती है, इसमें भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका की प्रमुख भूमिका है.
पीएम मोदी ने कहा कि हम 2047 तक एक विकसित (राष्ट्र) बनने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसके लिए एक निष्पक्ष, मजबूत और स्वतंत्र न्यायपालिका की आवश्यकता है. मुझे उम्मीद है कि इस सम्मेलन के माध्यम से हम सभी एक-दूसरे से सीख सकते हैं. चाहे वह कुछ भी हो साइबर आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता या इसका दुरुपयोग, हमें इनके लिए एक वैश्विक ढांचे की आवश्यकता है.
कानून की भाषा और सरलता न्याय वितरण प्रणाली का एक और क्षेत्र है, जिसके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती है. पहले किसी भी कानून का मसौदा तैयार करना बहुत जटिल होता था. हम इसका समाधान ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं. हमने डेटा सुरक्षा कानून को सरल बनाने के लिए पहला कदम उठाया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं भारत के सर्वोच्च न्यायालय को वादी की भाषा में निर्णयों के ऑपरेटिव हिस्से उपलब्ध कराने के लिए बधाई देता हूं.