नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया है. बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शुरू होगा. इस 2 दिनों के समागम का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के शुभारंभ की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा […]
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया है. बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शुरू होगा. इस 2 दिनों के समागम का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के शुभारंभ की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा है. वहीं पीएम मोदी ‘पीएमश्री योजना’ के तहत धनराशि की पहली किस्त जारी की. वह इस तरह से स्कूल छात्रों का विकास करेंगे कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की परिकल्पना के अनुसार एक समतापूर्ण, बहुलवादी और समावेशी बहुलवादी समाज के निर्माण में शामिल होने के साथ ही काबिल और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले नागरिक बनें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि शिक्षा ही है, जिसमें देश को सफल बनाने, देश का भाग्य बदलने की सबसे ज्यादा ताकत है. आज 21 सदी का भारत, जिन लक्ष्यों को लेकर देश आगे बढ़ रहा है, उसमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का बेहद ही महत्व है. पीएम ने आगे कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा समामग का हिस्सा बनना मेरी लिए बेहद ही महत्वपूर्ण मौका है. शिक्षा के लिए संवाद आवश्यक होता है. मुझे बेहद खुशी है कि इस कार्यक्रम के माध्यम हम विमर्श और विचार के अपनी परंपरा को और आगे बढ़ा रहे हैं. पीएम ने आगे कहा कि हम प्राचीन शिक्षा और आधुनिक तकनीकी दोनों में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
The National Education Policy aims to make India a hub for research and innovation. Speaking at the Akhil Bharatiya Shiksha Samagam. https://t.co/bYOjU6kby5
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2023
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम की 12 भारतीय भाषाओं में अनुवाद की गई किताबों का विमोचन भी करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक प्रेरित होकर, युवाओं को तैयार करने और उन्हें अमृत काल में देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से एनईपी-2020 को लॉन्च किया था. इसका लक्ष्य उन्हें बुनियादी मानवीय मूल्यों पर आधारित रखते हुए भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है. बता दें लागू किए जाने के 3 साल के दौरान इस नीति से स्कूल, उच्च और कौशल शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी बदलाव आया है.
बता दें कि 29 और 30 जुलाई को आयोजित होने वाला 2 दिवसीय कार्यक्रम शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, शिक्षा के विशेषज्ञों, उद्योग प्रतिनिधियों, शिक्षकों और स्कूलों, उच्च शिक्षा और कौशल संस्थानों के छात्रों के साथ अन्य कई लोगों को अपना नजरिया सफलता से शेयर करने के लिए एक मंच देगा. इसमें एनईपी साल 2020 के लागू होने पर मिली सफलता की कहानियों और बेहतरीन कामों को और अधिक आगे ले जाने के लिए रणनीतियां तैयार करने का कार्य किया जाएगा.