नई दिल्लीः अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही लोगों का सदियों पुराना इंतजार भी समाप्त हो गया है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने 11 दिन का व्रत रखा था। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद महंत स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने पीएम मोदी का व्रत खुलवाया, लेकिन क्या आपको पता है कि व्रत खुलवाने के लिए पहले चरणामृत नहीं दिया जाना था। पीएम मोदी ने आखिरी वक्त में गोविंद देव महाराज से श्रीराम का चरणामृत पिलाने के लिए कहा था। ये बात खुद स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने कही। इस दौरान वे बेहद भावुक हो गए थे।
स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि वास्तव में जो सोचा गया था वो जल में शहद और नीबूं की दो बूंदे डालकर पीएम मोदी को पिलाने की बात हमने सोची थी, लेकिन उन्होंने कल आते-आते मुझे अलग से कहा कि आप मुझे और कुछ मत पिलाइए, भगवान श्रीराम का चरणामृत पिलाइए। इसलिए समय पर हम लोगों को योजना बदलना पड़ा। यही नहीं, पीएम मोदी ने खुद मुझसे कहा- पिलाओ ना… मुझे उस वक्त मां जैसा प्यार महसूस हुआ और मुझे ऐसा लगा जैसे मैं इसे अपने बेटे को अर्पित कर रहा हूं और उसका उपवास तोड़ रहा हूं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चांदी का छत्र लेकर राम मंदिर में राललला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे। उनके साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए पीएम नरेंद्र मोदी 12 जनवरी से 11 दिनों के व्रत पर थे। वहीं पीएम मोदी को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी जी महाराज ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम का चरणामृत पिलाया।
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