नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार (22 जून) को अमेरिकी संसद पहुंचे और साथ ही उन्होंने सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए नजर आए. इतना ही नहीं इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कई बड़ी बातें भी कहीं.
पीएम नरेंद्र मोदी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी राजकीय डिनर के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे हैं. जहां राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी का शानदार स्वागत किया. प्रधानमंत्री मोदी के राजकीय डिनर में शामिल होने के लिए कई अतिथि व्हाइट हाउस पहुंचे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन को तोहफे में उपनिषदों के 10 सिद्धांतों पर आधारित किताब दी है.
In 1937, WB Yeats published an English translation of the Indian Upanishads, co-authored with Shri Purohit Swami. The translation and collaboration between the two authors occurred throughout 1930s and it was one of the final works of Yeats.
A copy of the first edition print… pic.twitter.com/yIi9QW290r— ANI (@ANI) June 22, 2023
बता दें कि उपनिषद को वेदांत भी कहा जाता हैं. मानवता और ब्रह्मांड के बीच के संबंध के बारे में ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’ कई जानकारी देते हैं. उपनिषद हिंदू धर्मशास्त्र की कई परंपराओं में मूलभूत ग्रंथों के तौर पर काम करते हैं. जो आज के समय में हिंदू परंपरा का केंद्र हैं. मिली जानकारी के अनुसार 5वीं शताब्दी के मध्य से दूसरी शताब्दी तक 13 मशहूर उपनिषदों की रचना हुई है. इन उपनिषदों में बृहदारण्यक, छांदोग्य, कौशीतकी, तैत्तिरीय, ऐतरेय, कथा, प्रश्न, केना, मांडूक्य, मुंडका, ईसा, श्वेताश्वतर और मैत्री के नाम शामिल हैं. इन सबके अलावा अन्य उपनिषद भी लिखे गए है.
लेकिन 10 उपनिषदों को प्रमुख कहा जाता है. जिसमें से ईशा, केना, कथा, प्रश्न, मांडुक्य, तैत्तिरीय, ऐतरेय, छांदोग्य और बृहदारण्यक के नाम शामिल हैं. बता दें कि इन उपनिषदों की बेहद खास अहमियत है. वहीं उपनिषद ब्रह्मांड की विविधता और सिद्धांत के बारे में बताते हैं.
विलियम बटलर येट्स अंग्रेजी साहित्य के मशहूर कवि और लेखक रहे हैं जिनका नाम मॉडर्न इंग्लिश लिट्रेचर की नींव रखने वाले दिग्गजों में शामिल है. वहीं विलियम बटलर येट्स की उपनिषदों में रुचि कई दशकों पहले हुई थी. एक युवा के रूप में येट्स की मुलाकात मोहिनी चटर्जी से साल 1885 में डबलिन में हुई थी. उस वक्त मोहिनी चटर्जी बंगाल के उभरते थियोसोफिकल हलकों की एक प्रमुख हस्ती मानी जाती थीं. इस मुलाकात के बाद, विलियम बटलर येट्स ने 3 कविताएं लिखीं जो भारत से संबंधित थीं. जिनमें ‘द इंडियन टू हिज़ लव’, ‘द इंडियन अपॉन गॉड’, और ‘अनुसूया एंड विजया’ के नाम शामिल थीं.