नई दिल्ली: पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पीएम मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने लिखा मियां मोहम्मद शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई। इसके साथ ही पीएम मोदी ने लिखा भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है जो आतंकवाद से मुक्त हो ताकि अपने विकास चुनौतियों […]
नई दिल्ली: पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पीएम मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने लिखा मियां मोहम्मद शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई। इसके साथ ही पीएम मोदी ने लिखा भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है जो आतंकवाद से मुक्त हो ताकि अपने विकास चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें और अपने लोगों की भलाई एवं समृद्धि सुनिश्चित कर सकें।
Congratulations to H. E. Mian Muhammad Shehbaz Sharif on his election as the Prime Minister of Pakistan. India desires peace and stability in a region free of terror, so that we can focus on our development challenges and ensure the well-being and prosperity of our people.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2022
विपक्ष के नेता शहबाज ने सोमवार रात करीब 10:00 पीएम पद की शपथ ली। शहबाज शरीफ ने पीएम चुने जाने के ठीक बाद विदेश नीति को लेकर अपना रुख साफ किया उन्होंने नेशनल असेंबली में कहा कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना इसे हासिल नहीं किया जा सकता। बता दें शहबाज शरीफ पीएम पद की शपथ लेने से पहले भी कश्मीर मुद्दे का जिक्र कर चुके हैं।
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज ने कहा जब पाकिस्तान ने हिंदुस्तान में 5 धमाके करके हिंदुस्तान के दांत खट्टे कर दिए थे और पाकिस्तान की आलोचना की जा रही थी तब सऊदी अरब ने हमारा साथ दिया था। सऊदी अरब के बगैर कश्मीर का मसला हल नहीं किया जा सकता। शहबाज शरीफ ने कहा अगस्त 2019 में जब जबरदस्ती अतिक्रमण किया गया और अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया तो हमने क्या गंभीर कोशिश की………. हमने कितनी गंभीर कूटनीति की कोशिश की,……… कश्मीरियों का खून कश्मीर की सड़कों पर बह रहा है और कश्मीर घाटी उनके खून से लाल हैं’
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ के पक्ष में संसद में 174 वोट पड़े थे। इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पीएम पद से हटाए गए इमरान खान की पार्टी का एक भी सांसद सदन में मौजूद नहीं थे। बता दें 342 सदस्यीय सदन में जीत के लिए किसी भी पार्टी को 172 सदस्यों की जरूरत होती है जबकि विपक्ष को 174 वोट मिले थे।