नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह को संबोधित किया। मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से IIT मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा एक बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5G टेस्टबेड का भी शुभारंभ किया।
मोदी ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि आज आपके संगठन को 25 साल पूरे हो गए हैं। देश आजादी के अमृत के अगले 25 साल के रोडमैप पर काम कर रहा है। मुझे स्वदेशी 5G टेस्ट बेड देश को समर्पित करने का अवसर मिला। यह दूरसंचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण और आधुनिक तकनीक की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मोदी ने कहा कि देश का अपना 5जी मानक 5जी के रूप में बनाया गया है, यह देश के लिए बड़े गर्व की बात है। यह देश के गांवों तक 5जी तकनीक लाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। 5G तकनीक देश के शासन में जीवन की सुगमता, व्यापार करने में आसानी में भी सकारात्मक बदलाव लाने जा रही है। इससे कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और रसद जैसे हर क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोजगार के कई अवसर भी सृजित होंगे।
पीएम ने आगे कहा कि हमारा दूरसंचार क्षेत्र इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे आत्मनिर्भरता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा समाज में अर्थव्यवस्था में प्रभाव पैदा करती है। 2जी युग की निराशा, हताशा, भ्रष्टाचार, नीतिगत पंगुता से बाहर निकलकर देश ने 3जी से 4जी और अब 5जी और 6जी की ओर तेजी से कदम बढ़ाए हैं।
आज हम देश में टेली-घनत्व और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में दुनिया में सबसे तेजी से विस्तार कर रहे हैं, इसलिए दूरसंचार सहित कई क्षेत्रों ने इसमें भूमिका निभाई है। पिछले वर्षों में सरकार जिस तरह से नई सोच और दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है, उससे आप सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं।
पीएम ने कहा कि जब हम 2014 में आए थे तो हमने सबका साथ, सबका विकास और तकनीक के व्यापक इस्तेमाल को अपनी प्राथमिकता बनाया था. इसके लिए जरूरी था कि देश के करोड़ों लोग एक साथ जुड़ें, सरकार से भी जुड़ें और सरकार की सभी इकाइयां भी एक तरह से जैविक इकाई बनाकर आगे बढ़ें। इसलिए हमने जन धन आधार और मोबाइल की त्रिमूर्ति को प्रत्यक्ष शासन का माध्यम बनाने का निर्णय लिया। सबसे गरीब परिवारों को मोबाइल उपलब्ध कराने के लिए हमने देश में ही मोबाइल निर्माण पर जोर दिया है।
पीएम ने कहा कि 2014 से पहले, भारत में 100 ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं। आज हम करीब ढाई लाख ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी लेकर आए हैं। कुछ समय पहले सरकार ने नक्सल प्रभावित देश के कई आदिवासी जिलों में 4जी सुविधा देने की बड़ी शुरुआत की है।
ट्राई की स्थापना 1997 में हुई
गौरतलब है कि ट्राई की स्थापना 1997 में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक्ट, 1997 के जरिए हुई थी। इसकी स्थापना दूरसंचार को नियंत्रित करने के लिए की गई थी। डॉ पीडी वाघेला ट्राई के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
लोगों के ऊपर आज के समय में सेल्फी लेने का ऐसा क्रेज है, जिसके लिए…
भरी बाई जोशी की सोमवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। परिवार के सदस्य उन्हें…
कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को अंतरिम जमानत दे दी है। यह…
धार्मिक मान्यताओं और पुराणों में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का संबंध बहुत गहरा है।…
आइए जानते हैं उन प्रमुख फिल्मों के बारे में, जो 2025 में सिनेमाघरों में दस्तक…
दो कारों में सवार होकर बरेली की 6 लड़कियां बहेड़ी के एचपी पेट्रोल पंप पर…