नई दिल्ली : रविवार का दिन नेपाल की सत्ता के लिए काफी नाटकीय रहा. जहां नेपाल के नए प्रधानमंत्री का ऐलान हो गया है. पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ अब नेपाल के प्रधानमंत्री होंगे. कल शाम 4 बजे वह नेपाल में प्रधानमंत्री के पद पर शपथ ग्रहण करेंगे. प्रधानमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रचंड’ […]
नई दिल्ली : रविवार का दिन नेपाल की सत्ता के लिए काफी नाटकीय रहा. जहां नेपाल के नए प्रधानमंत्री का ऐलान हो गया है. पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ अब नेपाल के प्रधानमंत्री होंगे. कल शाम 4 बजे वह नेपाल में प्रधानमंत्री के पद पर शपथ ग्रहण करेंगे. प्रधानमंत्री बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रचंड’ को बधाई दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “नेपाल का प्रधानमंत्री चुने जाने पर पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को हार्दिक बधाई. भारत और नेपाल के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंध हैं. हम इस दोस्ती को और मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे.”
Warmest congratulations @cmprachanda on being elected as the Prime Minister of Nepal. The unique relationship between India & Nepal is based on deep cultural connect & warm people-to-people ties. I look forward to working together with you to further strengthen this friendship.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2022
नेपाल का नया नेतृत्व तय हो गया है. अब नेपाल में गठबंधन की सरकार आने वाली है जहां आने वाले ढाई साल तक पुष्प कमल दहल प्रचंड देश के प्रधानमंत्री रहेंगे. आज का दिन नेपाल की राजनीति में काफी नाटकीय रहा. दोपहर तक शेर बहादुर देउबा प्रधानमंत्री बनते दिख रहे CPN-Maoist सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड बीच में ही नाराज़ होकर चले गए. इसके बाद उन्होंने गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया. अब प्रचंड केपी शर्मा ओली की पार्टी CPN-UML का समर्थन पाकर नेपाल के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.
राष्ट्रपति ने पुष्प कमल दहल को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त भी कर दिया है. नेपाल राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम चार बने पुष्प कमल दहल पीएम पद की शपथ लेंगे. पुष्प कमल दहल ने सांसदों के समर्थन वाला पत्र राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी को सौंप भी दिया है. इसमें 165 सांसदों के हस्ताक्षर हैं.
बता दें, हिंदू बहुल आबादी वाले छोटे पड़ोसी मुल्क नेपाल की छह पार्टियां गठबंधन करने जा रही हैं. इस गठबंधन में शामिल पार्टियों ने प्रचंड को ढाई साल तक प्रधानमंत्री बनाया है. इसके बाद CPN-UML सत्ता में आएगी. गठबंधन का सार ये रहा कि पूर्व PM ओली एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे. वह ढाई साल एक पद संभालेंगे.
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