नई दिल्ली. National Digital Health Mission-पीएम नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते एक बड़ी योजना की शुरुआत करने वाले हैं। यह प्रत्येक भारतीय के लिए अद्वितीय स्वास्थ्य की पहचान करेगा। पीएम मोदी 27 सितंबर को प्रधानमंत्री के डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का शुभारंभ करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जानकारी दी है कि यूनिक हेल्थ आईडी में संबंधित व्यक्ति का पूरा स्वास्थ्य रिकॉर्ड होगा।
जानकारी के मुताबिक जो यूनिक आईडी आपको मिलेगी वह आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की मदद से बनाई जाएगी। PH-DHM का मुख्य उद्देश्य भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और बेहतर बनाना है। यह स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए इसे वन-स्टॉप समाधान बनाने के लिए तैयार है। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं तक पहुंचना और उनकी जवाबदेही बढ़ाना आसान हो जाएगा। यूनिक हेल्थ आईडी बेतरतीब ढंग से 14 अंकों की संख्या उत्पन्न करेगी। यह संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को बनाए रखने की अनुमति देता है।
हालांकि, आधार कार्ड से बनाना जरूरी नहीं है, केवल फोन नंबर की मदद से ही यूनिक आईडी बनाई जा सकती है। आधार को यूनिक हेल्थ आईडी के रूप में इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता है? इसका जवाब देते हुए, मंत्रालय पहले ही कह चुका है कि आधार को केवल उन जगहों से जोड़ने की जरूरत है जहां लाभ उठाया जा सकता है। इसे कहीं और इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
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