नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस मनाने का प्रस्ताव पास हो गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत द्वारा पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। भारत के अलावा इसमें श्रीलंका, नेपाल, लिकटेंस्टीन, मैक्सिको और अंडोरा जैसे देश भी शामिल थे, जिन्होंने इसको लेकर पहल की थी।
विश्व ध्यान दिवस का उद्देश्य
भारत प्राचीन काल से ही ध्यान और योग की परंपरा का जन्म स्थल रहा है। इस प्रस्ताव को दुनिया भर में स्वास्थ्य के लिहाज से मानसिक शांति और ध्यान के महत्व को सामने लाने के लिए पेश किया गया है। इस कदम से मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में वृहद स्तर पर सुधार लाने की कोशिश रहेगी। विश्व ध्यान दिवस का मुख्य उद्देश्य तनाव, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाना है।
शीतकालीन संक्रांति प्रतीक
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि खुशी है कि भारत ने कोर ग्रुप के अन्य देशों के साथ मिलकर UN में 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाने का मार्गदर्शन किया। 21 दिसंबर शीतकालीन संक्रांति का प्रतीक जो भारतीय परंपरा में उत्तरायण की शुरुआत है। इसके ठीक छह महीने बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आता है।
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