नई दिल्लीः रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी यानी सोमवार को प्रधानमंत्री जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वाटर मेट्रो का लोकार्पण कर सकते हैं। इसके लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की लंबे समय से चल रही तैयारी अपने अंतिम चरण में है। जिस केटामरीन बोट वाटर मेट्रो का प्रधानमंत्री के हाथों कराने की तैयारी है। वह अब अयोध्या के करीब पहुंच चुकी है।
जिस केटामरीन बोट वाटर मेट्रो का शुभारंभ प्रधानमंत्री के हाथों कराने की तैयारी है वह अब अयोध्या के करीब पहुंच चुकी है। गंगा नदी के रास्ते पटना होते हुए मांझी घाट से घाघरा नदी के जलमार्ग संख्या-40 से आ रही वाटर मेट्रो की लोकेशन रविवार शाम सात बजे अंबेडकरनगर के टांडा में मिली है, जिसकी अयोध्या से दूरी लगभग 70 किलोमीटर बताई जा रही है। वाटर मेट्रो के रविवार रात अयोध्या पहुंचने की संभावना है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का जोर है कि प्रधानमंत्री के अयोध्या आने से पहले वाटर मेट्रो संत तुलसीदास घाट कच्चा घाट पर स्थित अपने प्रारंभिक स्टेशन पर पहुंच जाए। वाटर मेट्रो के साथ एक दूसरी बोट से भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक एलके रजक, उप निदेशक राकेश कुमार सहित 30 से 35 लोगों की टीम भी अयोध्या आ रही है।
लगभग 12 करोड़ की राशि से केरल के कोचीन शिपयार्ड में बनी वाटर मेट्रो का संचालन अयोध्या से 10 किलोमीटर दूर गुप्तार घाट तक किया जाएगा, जो जल पर्यटन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। प्रारंभिक और अंतिम प्वाइंट पर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने वाटर मेट्रो पर चढ़ने और उतरने के लिए जेटी की स्थापना कर दी है। जेटी घाट और वाटर मेट्रो के बीच प्लेटफार्म का काम करेगी।
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