PM Cares Fund Ventilator : पीएम केयर फंड से मंगाए गए वेंटिलेटर फांक रहे धूल, कहीं आधे से ज्यादा खराब, कहीं चलते-चलते हो रहे बंद

PM Cares Fund Ventilator : कोरोना महामारी में पीएम केयर फंड से खरीदे गए वेंटिलेटर को लेकर तमाम तरह की बयानबाजी हुई। लेकिन ज्यादातर मामलों में वेंटिलेटर खस्ताहाल में नजर आए हैं। कई अस्पतालों में वेंटिलेटर धूल खा रहे हैं पर उन्हें सही समय  पर चालू नहीं किया गया। कहीं ये चलते-चलते खुद ही बन्द हो जा रहे हैं, तो कहीं पर वेंटिलेटर ऑपरेट करने वाले इंजिनियर नहीं हैं।

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PM Cares Fund Ventilator : पीएम केयर फंड से मंगाए गए वेंटिलेटर फांक रहे धूल, कहीं आधे से ज्यादा खराब, कहीं चलते-चलते हो रहे बंद

Aanchal Pandey

  • May 20, 2021 3:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली. कोरोना महामारी में पीएम केयर फंड से खरीदे गए वेंटिलेटर को लेकर तमाम तरह की बयानबाजी हुई। लेकिन ज्यादातर मामलों में वेंटिलेटर खस्ताहाल में नजर आए हैं। कई अस्पतालों में वेंटिलेटर धूल खा रहे हैं पर उन्हें सही समय  पर चालू नहीं किया गया। कहीं ये चलते-चलते खुद ही बन्द हो जा रहे हैं, तो कहीं पर वेंटिलेटर ऑपरेट करने वाले इंजिनियर नहीं हैं।

नासिक में वेंटिलेटर धूल खा रहे हैं पर इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. नासिक म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को पीएम केयर्स फंड से 60 वेंटिलेटर मिले थे. यह वेंटिलेटर किसी काम के नहीं है. प्रशासन का कहना है कि वेंटिलेटर के आधे अधूरे पार्ट ही मिले हैं।

बार-बार हो रहे खराब

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) की एक रिपोर्ट में दावा किया कि पीएम केयर फंड से अस्पताल को दिए गए वेंटिलेटर्स में से कई खराब हैं। इसमें से कई वेंटिलेटर लगने के बाद वे अत्यंत गंभीर कोविड रोगियों के इलाज के लिए बेकार पाए गए।

अमृतसर में वेंटिलेटर का निकला दम

केंद्र सरकार द्वारा कोरोना काल में गुरुनानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) में भेजे गए 59 वेंटिलेटर्स में से 47 वेंटिलेटर्स खराब निकले हैं। दरअसल कोरोना की शुरुआत से पहले अस्पताल में 25 वेंटिलेटर्स थे। संक्रमण की शुरुआत के साथ ही केंद्र सरकार ने स्वदेशी वेंटिलेटर्स बनवाने शुरू किए। 59 वेंटिलेटर्स अस्पताल को दिए गए। अफसोस यह है कि इनमें से 47 वेंटिलेटर्स आन तो हुए पर इनमें कई तकनीकी खामियां थीं। इसके बाद 50 और वेंटिलेटर्स और आए, लेकिन इनमें से भी सिर्फ आठ ही काम कर रहे हैं।

दरअसल, पीएम केयर फंड देश की 5 कंपनियों से 23,32 करोड़ रुपये में 58,850 वेंटिलेटर खरीदे गए थे। सबसे ज्यादा 20 हजार बेल से खरीदे गए थे।

वहीं, भास्कर से बातचीत में बेल प्रोजेक्ट के इंजीनियर आशीष चौधरी ने बताया कि वेंटिलेटर के फ्यूज संवेदनशील होते हैं। वोल्टेज के उतार चढ़ाव से अगर 5 रुपये का फ्यूज उड़ा तो उसे कबाड़ में रख दिया जाता है। वहीं स्टाफ की भी एक बड़ी समस्या है।

राहुल ने कसा था तंज

राहुल ने पीएम केयर फंड से दिए गए इन वेंटिलेटरों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था। राहुल गांधी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘पीएम केयर के वेंटिलेटरों और पीएम के बीच काफी समानताएं हैं। दोनों का बहुत ज्यादा झूठा प्रचार, अपना काम करने में पूरी तरह से फेल और जरूरत के वक्त दोनों को ढूंढना मुश्किल।’

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