नई दिल्लीः इस समय भारत में यह चर्चा जोरों से चल रही है कि भारत सरकार प्लास्टिक के नोट जारी करने वाली है। इस दौरान वित्त मंत्री से इस मामले पर सवाल किया गया है, जिस पर वित्त मंत्री की ओर से बयान जारी किया गया है। जानकारी दे दें कि रिजर्व बैंक को हर […]
नई दिल्लीः इस समय भारत में यह चर्चा जोरों से चल रही है कि भारत सरकार प्लास्टिक के नोट जारी करने वाली है। इस दौरान वित्त मंत्री से इस मामले पर सवाल किया गया है, जिस पर वित्त मंत्री की ओर से बयान जारी किया गया है। जानकारी दे दें कि रिजर्व बैंक को हर साल नोट छापने के लिए(Plastic Money) हजारों रुपय खर्च किए जाते हैं और इन नोटों कि लाइफ भी बस कुछ साल तक ही होती है।
जानकारी दे दें कि भारत में चलने वाले सभी नोट शुद्ध कॉटन के मेटेरियल(Plastic Money) से तैयार किया जाता है, जिसकी जानकारी रिजर्व बैंक के अधिकारिक वेबसाइट पर दी गई है। दरअसल कई लोगों को लगता है कि भारतीय नोट कागज के बने होते हैं पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022-23 में नोट छापने के लिए सरकार ने कुल 4682.80 करोड़ रुपए व्यय किए थे।
दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां पर नोट प्लास्टिक के बने होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पूरी दुनिया में सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में प्लास्टिक के नोट का चलन शुरू हुआ था। फिर इसके साथ ही उसके पड़ोसी देश न्यूजीलैंड ने भी प्लास्टिक के नोट का चलन शुरू कर दिया था। इसके अलावा युनाइटेड किंगडम यहां सिर्फ 5 और 10 पाउंड के नोट ही हैं, वियतनाम, कनाडा, ब्राजील, निकारागुआ, रोमानिया, ब्रुनई मलेशिया मालदीव, कोस्टा रीका और मलेशिया में प्लास्टिक के नोटों चल रहे हैं।
दरअसल, इस समय प्लास्टिक नोटों को लेकर भारत में भी चर्चाएं तेज हो शुरू हो गई थी, जिसके बाद लोकसभा में सरकार से इस मामले पर काफी सवाल किए गए है। बता दें कि सवाल में पूछा गया कि क्या भारत में भी अब प्लास्टिक के नोट देखने को मिलेंगी? यदि हां…. तो ये कब तक आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। इस दौरान वित्त राज्यमंत्री पकंज चौधरी इस सवाल का जवाब देने सामने आए और कहा कि फिलहाल सरकार का ऐसा कोई प्लान नहीं है और इसके साथ ही सरकार की ओर से प्लास्टिक मनी पर कोई भी पैसा खर्च नहीं किया है।
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