नई दिल्ली. Plantation Lesson By Narendra Modi Blog: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन यानी शनिवार को वाराणसी में वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत की थी साथ ही लोगों को पेड़ कैसे लगाएं यह भी बताया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा कि पौधे लगाने के लिए सबसे पहले मटके को गड्ढे में रखे दें फिर उसमें पानी डालें और पौधे की रोपाई कर दें. यह हमारे कल को हराभरा बनाने का सबसे आसान और प्रभावशाली तरीका है. हमें साथ मिलकर पर्यावरण को बचाना है. बेहतर दुनिया के लिए मैं सभी लोगों से ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की अपील करता हूं. पीएम मोदी ने साल 2011 में वृक्षारोपण को लेकर एक ब्लॉग भी लिखा था. जानिए पीएम मोदी के इस ब्लॉग की कुछ अहम बातें.
A Daughter, A Tree and A Teacher शीर्षक से लिखे अपने ब्लॉग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी के जन्म पर पोधे लगाने वाले परिवार का जिक्र करते हुए कहा कि परिस्थितिकी को बचाए रखने के लोगों की पहल सराहनीय है. आपकी रुचि को देखते हुए मैं आपसे एक टिप्स साझा करना चाहूंगा कि कैंसे हम खेती और बागवानी करके सबसे बहमूल्य स्त्रोत पानी को बचा सकते हैं. सबसे पहले मिट्टी के मटके को बिल्कुल जमीन के समानांतर और पौधे के जड़ के बराबर में रख दें. फिर उसको पानी से भर दें और ढक्कन से ढक दें. एक हफ्ते तक आपको पौधे को पानी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह मटका पौधे के लिए एक ड्रिप सिचाई यंत्र की तरह काम करेगा.
ब्लॉग में पीएम मोदी आगे लिखते हैं याद रखें कि मटके में छेद न करें, अगर आप बेहतर परिणाम चाहते हैं तो बर्तन धोने के बाद बचे गंदे पानी को मटके में भर दें. यह तरीका गुजरात के कई इलाकों में अपनाया जाता है. इस तरह के छोटे-छोटे तरीके अपनाकर आप अपना बेतर भविष्य सुरक्षित रख सकते हैं. आज जब मैं आपको इस बारे में लिख रहा हूं तो मुझे एक बेहद दिल छू लेने वाली घटना याद आ रही है जिसके बारे में किसी ने मुझे खत में बताया था. प्रकृति सरंक्षण के बारे में लिखे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2011 में लिखें ब्लॉग को यहां पढ़ें.
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा यह घटना गुजरात के सौराष्ट्र के वेरावल क्षेत्र की है जहां पहले से ही पानी का आभाव है. इस क्षेत्र के एक शिक्षक ने जल को संरंक्षित करने के लिए ऐसा तरीका अपनाया जो हम सभी को प्रेरणा दे सकता है. दरअसल शिक्षक ने स्कूल के छात्रों से अपने घर पर बर्तन धोने के बाद बचा हुआ पानी लाने को कहा. शिक्षक ने कहा कि हर छात्र रोज गंदे पानी की एक बोतल ले जाएगा. छात्रों को उसी गंदे पानी को पौधों को देने के लिए कहा गया, जैसे जैसे दिन बीतते गए छात्रों और स्कूल के पास अपने हरे भरे बगीचे थे. इस प्रकार एक शिक्षक की अनूठी पहल ने बंजर इलाके को हरे भरे द्वीप के रूप मे बदल दिया. इस घटना ने मुझे काफी अंदर तक छुआ था, आशा है कि ये घटना आपको भी ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लिए प्रेरणा देने का काम करेगी.
जगुआर ने 89 साल पुराने अपने लोगो को बदल दिया है। बता दें 2026 से…
मतदाताओं को रिवॉल्वर दिखाने का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने…
सेक्स रैकेट का खुलासा करते हुए पुलिस ने एक होटल से 8 युवक और 7…
मंगलवार को यूक्रेन ने रूस पर मिसाइल से हमला किया था. दो साल से जारी…
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम बनाने का काम…
सलमान खान ने भी मुंबई के बांद्रा पश्चिम स्थित पोलिंग बूथ पर मतदान किया। ग्रे…