Piyush Goyal Target Rahul Gandhi: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट पर निशाना साधते हुए कहा देश को लूटने वाले ही सब्सिडी को मुनाफा बता सकते हैं. रेलवे ने राज्य सरकारों से लिए गई धनराशि से कहीं अधिक पैसा श्रमिक ट्रेनों को चलाने में लगाया है. राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा कि बीमारी के बादल छाए हैं लोग मुसीबत में हैं, बेनिफिट ले सकते हैं. आपदा को मुनाफे में बदल कर कमा रही गरीब विरोधी सरकार. मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
Piyush Goyal Target Rahul Gandhi: भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान पर जोरदार हमला बोला है. दरअसल राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में आपदा के समय मोदी सरकार पर मुनाफा कमाने का आरोप लगाया था. राहुल गांधी के इसी ट्वीट का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा देश को लूटने वाले ही सब्सिडी को मुनाफा बता सकते हैं. रेलवे ने राज्य सरकारों से लिए गई धनराशि से कहीं अधिक पैसा श्रमिक ट्रेनों को चलाने में लगाया है. लोग पूछ रहे हैं कि सोनिया जी के टिकट के पैसे देने के वादे का क्या हुआ.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ एक ट्वीट किया था. राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा कि बीमारी के बादल छाए हैं लोग मुसीबत में हैं, बेनिफिट ले सकते हैं. आपदा को मुनाफे में बदल कर कमा रही गरीब विरोधी सरकार. अपने इस ट्वीट में राहुल गांधी ने एक खबर को भी टैग किया. राहुल के इसी ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने करारा हमला बोला है.
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में जिस रिपोर्ट को साझा किया है उसमें बताया गया है कि कोरोना महामारी के समय में भारतीय रेल ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 428 करोड़ रुपये की कमाई की है. राहुल गांधी ने लॉकडाउन के दौरान श्रमिक मजदूरों के लिए चलाई गई ट्रेनों के किराये को लेकर टिप्पणी की है. उस वक्त किराये को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा था. सरकार ने कहा था कि किराये का 85 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार वहन कर रही है.
मालूम हो को कोरोना महामारी के चलते जब 25 मार्च को देश में अचानक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था. अचानक लॉकडाउन के ऐलान के बाद बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लाखों मजदूर दिल्ली, मुंबई, पुणे, सूरत, अहमदाबाद जैश शहरों में फंस गए थें. मजदूरों ने ट्रेन और अन्य सभी परिवहन सुविधाओं के बंद होने के चलते पैदल ही अपने घर की तरफ जाना शुरू कर दिया था.