नई दिल्ली। हाल ही में संसद में हुई जोरदार चर्चा के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की है कि भारत किस कदर तमाम चीजों के लिए चीन पर निर्भर होता जा रहा है। गोयल ने पीछले आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि, मौजूदा […]
नई दिल्ली। हाल ही में संसद में हुई जोरदार चर्चा के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की है कि भारत किस कदर तमाम चीजों के लिए चीन पर निर्भर होता जा रहा है।
गोयल ने पीछले आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि, मौजूदा समय में भारत पहले की अपेक्षा कहीं अधिक चीन पर निर्भर हो गया है जो कि बेहद चिंताजनक है।
गोयल ने संसद में यूपीए सरकार का नाम लिए बगैर कहा कि, 2003-2004 मं चीन से भारत का आयात 4.43 अरब डॉलर का था लेकिन 2013-14 आते ही यह बढ़कर 51.03 अरब डॉलर हो गया है।
उन्होने कहा कि पूरा देश इस तरह की घटिया चीजों से भर गया है जिनकी कीमत को लेकर किसी भी प्रकार की पारदर्शिता नहीं है और इन सालों में हम पूरी तरह से चीन द्वारा निर्मित के गए सामानों पर निर्भर हो गए हैं।
साथ ही गोयल ने कहा कि मोदी सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मज़बूत करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम आरम्भ की है ताकि चीन के साथ इस निर्भरता पर अंकुश लगाया जा सके।
पीयूष गोयल ने कहा कि पहले एपीआई यानी कि दवाइयां बनाने मे प्रयोग किया जाने वाला कच्चा माल भारत ही पूरी दुनिया को आयात करता था लेकिन पिछले दस वर्षों मे भारत इस कारोबार में भी पिछड़ता चला गया है। अब भारत का दवा उद्योग भी चीन द्वारा निर्मित की गई एपीआई इंडस्ट्री पर निर्भर हो गया है। उन्होने कहा कि, लगातार चीन पर भारत की निर्भरता को कम करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यह सभी प्रयास असफल रहे, दिन प्रतिदिन दोनों के कारोबार में लगातार इजाफा होता जा रहा है।