PFI Ban: नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज बड़ा फैसला लेते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को बैन कर दिया। पीएफआई पर ये प्रतिबंध पांच साल के लिए लगाया गया है। बताया जा रहा है कि ये प्रतिबंध पीएफआई से जुड़े दूसरे संगठनों पर भी लागू होगा। आइए आपको बताते हैं कि पीएफआई क्या […]
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज बड़ा फैसला लेते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को बैन कर दिया। पीएफआई पर ये प्रतिबंध पांच साल के लिए लगाया गया है। बताया जा रहा है कि ये प्रतिबंध पीएफआई से जुड़े दूसरे संगठनों पर भी लागू होगा।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलन से बना था, जिसमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई शामिल है, जबकि PFI खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है। फ़िलहाल, PFI में कुल कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी संगठन नहीं देता है। हालांकि, दावा किया जाता है कि 20 राज्यों में उसकी यूनिट है। शुरुआत में PFI का हेडक्वार्टर केरल के कोझिकोड में स्थित था, लेकिन बाद में इसे दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।
बता दें कि पीएफाई की अपनी ही यूनिफॉर्म भी है और इसके अपने नियम, कायदे-कानून हैं. हर साल 15 अगस्त को PFI फ्रीडम परेड का आयोजन करता है, लेकिन साल 2013 में केरल सरकार ने इस परेड पर रोक लगा दी थी। वो इसलिए क्योंकि PFI की यूनिफॉर्म में पुलिस की वर्दी की तरह ही सितारे और निशान बने होते हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों फुलवारी शरीफ के नया टोला से गिरफ्तार किए गए देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त आरोपितों के पास से मिली बुकलेट एक खतरनाक मिशन की ओर इशारा कर रहे हैं। इसमें 2047 में भारत की सेना से लेकर सरकार तक में कब्जा जमाकर देश में इस्लामिक संविधान लागू करने की मंशा है। इस तरह के सात पन्नों का बुकलेट और कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। एफआइआर में इसका उल्लेख है। मिले दस्तावेज में 2047 तक के मिशन के बारे में बताया गया है।
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