नई दिल्ली: साड़ी भारतीय संस्कृति से जुड़ी है. यहां की महिलाएं किसी भी तरह की पार्टी, फंक्शन, त्यौहार, पूजा में साड़ी पहनती हैं. साड़ी का चलन सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आज पूरी दुनिया में साड़ी अलग-अलग तरह से पहनी जाती है. साड़ी को सिर्फ पारंपरिक तरीके से ही नहीं बल्कि अलग-अलग स्टाइल में भी पहना जाता है. लेकिन अगर आप जानते हैं कि साड़ी पहनने के तरीके से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है तो यह खबर आपको दुखी कर सकती है.
साड़ी पहनने से स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (SCC) का खतरा बढ़ जाता है. भारतीय महिलाओं में इस प्रकार का कैंसर तेजी से फैल रहा है. पिछले कुछ सालों में साड़ी कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं. मीडिया के मुताबिक एससीपीएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. सुदीप का कहना है कि भारत के गांवों में रहने वाली महिलाएं पूरे साल साड़ी पहनती हैं. कमर पर जहां साड़ी बंधी है वहां निशान हैं.
यह निशान कमर पर पेटीकोट पहनने से सूती नाड़ा लगने के कारण होता है. इससे कमर पर रगड़ लगती है. जिसके कारण कमर पर काला निशान पड़ जाता है. यही निशान आगे चलकर त्वचा कैंसर में बदल जाता है. जो महिलाएं अत्यधिक गर्मी में रहती हैं उन्हें यह बीमारी होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. बिहार और झारखंड की महिलाओं में यह बीमारी तेजी से फैल रही है. कश्मीर में लोग कांगड़ी कपड़े के अंगारों में आग जलाकर रखते हैं, इससे भी त्वचा में गर्मी पैदा होती है और त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही टाइट जींस पहनने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है. साथ ही प्राइवेट पार्ट्स को भी नुकसान पहुंचता है.
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है अपनी जीवनशैली को सही करना. स्वस्थ और पौष्टिक भोजन करें. एक्टिव जीवनशैली बनाए रखें. घंटों तक एक ही जगह पर न बैठें. आप जितना अधिक सक्रिय रहेंगे, यह आपके शरीर के लिए उतना ही फायदेमंद होगा.
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