Petrol-Diesel: सोमवार 7 अप्रैल 2025 को केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की. इस फैसले के बाद देशभर में यह आशंका जताई जाने लगी थी कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि सरकार ने तुरंत स्पष्ट कर दिया कि यह वृद्धि आम जनता पर बोझ नहीं डालेगी. नए दाम आज रात 12 बजे से लागू होंगे. लेकिन खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा.

एक्साइज ड्यूटी क्या है?

एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर लगाया जाने वाला एक कर है. जो ईंधन की कीमत का अहम हिस्सा होता है. अभी तक पेट्रोल पर 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी ली जा रही थी. इस बढ़ोतरी के बाद अब पेट्रोल पर 21.90 रुपये और डीजल पर 17.80 रुपये प्रति लीटर ड्यूटी लागू होगी. यह कर सरकार के राजस्व का बड़ा स्रोत है. जिसका इस्तेमाल विकास कार्यों और बुनियादी ढांचे के लिए किया जाता है. 2014 में यह दर पेट्रोल पर 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये थी. जो समय के साथ बढ़ती गई.

सरकार का बयान

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने साफ किया कि इस बढ़ोतरी का असर आम ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा. मंत्रालय ने कहा ‘सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (PSU OMCs) को निर्देश दिया गया है कि एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि के बावजूद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव न करें.’ यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. सरकार ने इस वृद्धि को तेल की घटी कीमतों से समायोजित करने की रणनीति अपनाई है.

चार महानगरों में मौजूदा कीमतें

नई दिल्ली: पेट्रोल 94.72 रुपये/लीटर, डीजल 87.62 रुपये/लीटर
मुंबई: पेट्रोल 104.21 रुपये/लीटर, डीजल 92.15 रुपये/लीटर
कोलकाता: पेट्रोल 103.94 रुपये/लीटर, डीजल 90.76 रुपये/लीटर
चेन्नई: पेट्रोल 100.75 रुपये/लीटर, डीजल 92.34 रुपये/लीटर

पहले भी हुई थी राहत और बढ़ोतरी

साल 2021 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 27.90 रुपये और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर थी. मई 2022 में सरकार ने जनता को राहत देते हुए पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये की कटौती की थी. इसके बाद मौजूदा दरें लागू हुईं. भारत में ईंधन का बेस प्राइस करीब 32 रुपये प्रति लीटर है. लेकिन एक्साइज ड्यूटी, वैट और सेस के कारण यह तीन गुना तक बढ़ जाता है.

कीमतें क्यों नहीं बढ़ेंगी?

सरकार का कहना है कि तेल कंपनियां इस बढ़ोतरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों से समायोजित करेंगी. इससे खुदरा दाम स्थिर रहेंगे. आपको बता दें कि हाल के दिनों में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट आई है लेकिन सरकार ने उसका लाभ आम जनता को नहीं दिया बल्कि उत्पाद शुल्क बढ़ाकर उसे अपने पास रख लिया.

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