नई दिल्ली/ पेट्रोल डीजल के दामों में पिछले 24 दिनों से बढ़ोतरी नहीं हुई है, हालांकि कई शहरों में अभी भी इनके रेट्स रिकॉर्ड स्तर पर है. कई जगहों पर पेट्रोल डीजल के रेट 100 पार भी जा चुके है. खैर केंद्र या फिर राज्य सरकार की तरफ से अभी तक किसी तरह को राहत नहीं दी गई है.

पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार का कर संग्रह पिछले छह साल में 300 फीसदी से अधिक हो चुका है. सरकार ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी. केंद्र सरकार ने 2014-15 (मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का पहला साल) में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क से 29,279 करोड़ रुपये और डीजल पर 42,881 करोड़ रुपये की कमाई की.

राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2020-21 के पहले 10 महीनों में पेट्रोल और डीजल का कलेक्शन बढ़ कर 2.94 लाख करोड़ रुपये हो गया है. वहीं नेचुरल गैस पर उत्पाद शुल्क के साथ 2014-15 में केंद्र सरकार को 74,158 करोड़ रुपये मिले थे. जबकि अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 की अवधि में यह रकम 2.95 लाख करोड़ रुपये हो गई. उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस पर कुल राजस्व का फीसद 2014-15 में 5.4 फीसद से बढ़कर 12.2 फीसद हो गया.

वर्ष 2014 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपए प्रति लीटर थी जिसे अब बढ़ाकर 32.90 रुपए कर दिया गया है, ऐसे ही डीजल पर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपए से बढ़ाकर अब 31.80 रुपए प्रति लीटर कर दी गई है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत आज 91.17 रुपए प्रति लीटर है, जिसमें टैक्स का हिस्सा ही 60 परसेंट है. इसमें एक्साइज ड्यूटी ही 36 परसेंट है. बाकी राज्यों का वैट और दूसरे चार्ज अलग हैं.

India News Jan ki Baat Opinion Poll 2021 : असम और बंगाल विधानसभा पर सबसे बड़ा ओपिनियन पोल, शाम 6 बजे से लगातार

Delhi Government New Liquor Policy: अब दिल्लीवालें 21 साल की उम्र में ही पी सकेंगे शराब, केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला