डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर शुक्रवार 71.66 के स्तर तक पहुंच गया इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी दिल्ली और मुंबई में एक बार फिर बढ़ गईं. जिस पर लोगों का कहना है कि पता नहीं सरकार क्या कर रही है अब तेल के दाम घटने चाहिए. उन्होंने कहा की मोदी जी बताएं कि कब आएंगे अच्छे दिन.
नई दिल्लीः पिछले कई दिनों से डॉलर के मुकाबले लुढ़कता रुपया शुक्रवार को 71.66 के स्तर पर आ गया साथ ही पेट्रोल-डीजल के दामों में एक बार फिर बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. देश की राजधानी दिल्ली में तेल की कीमतों में 0.28 पैसे की बढोत्तरी हुई जबकि डीजल के दामों में 0.22 पैसे का इजाफा दर्ज किया गया है. इसी के साथ शुक्रवार को पेट्रोल 81.28 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया वहीं डीजल के दाम 73.30 रुपये प्रति लीटर हो गए. दिल्ली के अलावा मुंबईवासियों को भी महंगाई की ये मार झेलनी पड़ रही है. यहां आज पेट्रोल के दाम बढ़कर 88.67 रुपये प्रति लीटर हो गया वहीं डीजल की कीमत 77.82 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई. तेल की बढ़ती कीमतों पर मुंबईवासियों का कहना है कि पता नहीं सरकार क्या कर रही है, तेल की कीमतों में गिरावट आनी चाहिए अच्छे दिन कब आएंगे.
आपको बता दें कि दिल्ली में गुरुवार को भी पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा हुआ था. यहां पेट्रोल 81 रुपये प्रति लीटर हो गया था वहीं डीजल की कीमत 73.08 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई थी. हालांकि बुधवार को तेल की कीमतें स्थिर रही थीं लेकिन शुक्रवार को एक बार ईंधन की कीमतों में उछाल आया है. जिससे महंगाई की ये आग और ज्यादा फैल गई. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि महंगाई की ये आग और भी फैल सकती है. जिससे आम आदमी की जेब पर भारी फर्क पड़ने वाला है.
Petrol at Rs 81.28/litre (increase by Rs 0.28/litre) and diesel at Rs 73.30/litre (increase by Rs 0.22/litre) in Delhi. Petrol at Rs 88.67/litre (increase by Rs 0.28/litre) and diesel at Rs 77.82/litre (increase by Rs 0.24/litre) in Mumbai. pic.twitter.com/HSZE6uIHx5
— ANI (@ANI) September 14, 2018
Petrol and diesel prices in Mumbai are Rs 88.67/litre and Rs 77.82/litre respectively, locals say, "Don't know what the government is doing? It should reduce fuel prices. Achhe din kab aayenge?" pic.twitter.com/zCSIVQdxCF
— ANI (@ANI) September 14, 2018
गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव के समय पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों में ब्रेक लगा था इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सरकार तेल की कीमतों पर लगाम गलाने का प्रयास कर सकती है. आपको बता दें कि तेल की बढ़ती कीमतों के पीछे डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरना है. पिछले कई दिनों से रुपये में लगातार गिरावट आ रही है जिसके चलते तेल कंपनियां भी दामों में बदलाव कर रही हैं. कारण ये है कि तेल कंपनियों को डॉलर में तेल की कीमतों का भुगतान करना पड़ता है.
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