नई दिल्ली: समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा अहम फैसला बता दें की सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने सुनवाई 11 मई को पूरी कर ली थी कल सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में ये तय करेगा की समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जा सकती है या नहीं। […]
नई दिल्ली: समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा अहम फैसला
बता दें की सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने सुनवाई 11 मई को पूरी कर ली थी कल सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में ये तय करेगा की समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जा सकती है या नहीं। इस विषय को लेकर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 10 दिनों की सुनवाई के बाद 11 मई को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
समलैंगिक विवाह पर आठ अगस्त को चीफ जस्टिस ने संकेत दिया था की पीठ इस विषय पर फैसला लिखने की तैयारी में है. संविधान पीठ में चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट, और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं बता दें इस मामले में केंद्र सरकार शुरू से आखिर तक इसका विरोध करती रही है।
सरकार ने क्यों किया विरोध
बता दें जब सरकार से इस पर बात करने के लिए कहा गया तो सरकार ने कहा समलैंगिक विवाह देश की संस्कृति और नैतिक परंपरा दोनों के खिलाफ है , इसको मान्यता देने के लिये पहले 28 कानूनों के 160 प्रावधानों में बदलाव करते हुए पर्सनल लॉ में भी बदलाव करना होगा। जब इसकी सुनवाई हुई तब पीठ ने यह भी कहा बिना कानूनी मान्यता के सरकार इनको राहत देने के लिए क्या क्या कर सकती है ? पीठ के अनुसार बैंक अकाउंट, बीमा, बच्चा गोद लेने आदि के लिए सरकार संसद में क्या कर सकती है. इस पर सरकार ने कहा की वह कैबिनेट सचिव के साथ विशेषज्ञों की समिति बनाकर समलैंगिक समस्याओं के विचार के लिए तैयार हैं.
समलैंगिक विवाह का मामला क्या है
दिल्ली हाईकोर्ट के आलावा देश की अदालतों में समलैंगिक विवाह की मान्यता के लिए याचिकाएं दायर हुई थीं वर्ष 2022 में 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग दो याचिकाओं को ट्रांसफर करने की मांग पर केंद्र की सरकार से जबाव मांगा था. इन सभी याचिकाओं को इसी साल 6 जनवरी को एक करके ट्रांसफर कर लिया गया था.