उपराष्ट्रपति धनखड़ और रिजिजू के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, पद से हटाने की मांग

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू के खिलाफ बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन ने उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री द्वारा न्यायपालिका, कॉलेजियम और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ की गई सार्वजनिक टिप्पणी को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की है। मामले पर बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन  के […]

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उपराष्ट्रपति धनखड़ और रिजिजू के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, पद से हटाने की मांग

Vikas Rana

  • February 2, 2023 12:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू के खिलाफ बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन ने उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री द्वारा न्यायपालिका, कॉलेजियम और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ की गई सार्वजनिक टिप्पणी को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की है।

मामले पर बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन  के अध्यक्ष अहमद आब्दी ने कहा कि, उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री द्वारा न्यायपालिका से लेकर कॉलेजियम सिस्टम पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियां गलत है। संवैधानिक पदों पर बैठे देश के  इन दो जिम्मेदार लोगों को सुप्रीम कोर्ट पर ऐसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए था। ऐसे बयानों से सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंची है।

क्या है पीआईएल में ?

पीआईआल में कहा गया है कि, उप राष्ट्रपति और कानून मंत्री ने सार्वजनिक मंच पर खुले तौर पर कॉलेजियम के साथ-साथ संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला किया है। संवैधानिक पदों पर बैठे जिम्मेदार लोगों का यह व्यवहार अशोभनीय हैं। इस बयान से जनता की नजर में सुप्रीम कोर्ट की गरिमा गिरी है। पीआईएल में ऐसे कई सबूत भी दिए है जब उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री ने सार्वजनिक मंच से न्यायपालिका पर तीखी टिप्पणी की है।

 

पीआईएल दाखिल करने वाले वकील का बयान

उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री के खिलाफ पीआईएल दाखिल करने वाले एडवोकेट एकनाथ धोकाले ने मामले में कहा कि  जिस तरीके से उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री ने अपने बयान के जरिये यह दिखाया कि उनका संविधान में भरोसा नहीं है,    ऐसे में इन दोनों को इस संवैधानिक पद पर बैठने के योग्य नहीं माना जाना चाहिए, हम लोगों ने दोनों को पद से हटाने की मांग की है। हालांकि अभी पीआईएल पर सुनवाई की कोई डेट नहीं मिली है।

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