नई दिल्ली: गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट कह दिया कि LGBTQ+ समुदाय केलोगो के लिए संयुक्त बैंक खाता खोलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अब समलैंगिक संबंध में किसी व्यक्ति को नामित करने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है. किसी व्यक्ति को नामित करने पर रोक नहीं वित्त मंत्रालय के मुताबिक समलैंगिक समुदाय के […]
नई दिल्ली: गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट कह दिया कि LGBTQ+ समुदाय केलोगो के लिए संयुक्त बैंक खाता खोलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अब समलैंगिक संबंध में किसी व्यक्ति को नामित करने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक समलैंगिक समुदाय के लिए संयुक्त बैंक खाता खोलने और समलैंगिक संबंध में किसी व्यक्ति को नामित करने पर कोई रोक नहीं है. बता दें कि सुप्रिया चक्रवर्ती और रिट याचिका सिविल संख्या 1011/2022 के मामले में 17 अक्टूबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संदर्भ में ये आदेश जारी हुआ है.
2015 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बैंकों ने ट्रांसजेंडर के लिए सेवाएं शुरू कीं. 2022 में ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए ‘रेनबो सेविंग्स अकाउंट’ लॉन्च किया. ‘रेनबो सेविंग्स अकाउंट में उच्च बचत दरों और उन्नत डेबिट कार्ड सुविधाओं समेत अन्य भी शामिल है.
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