नई दिल्ली: हाल ही में मलायका अरोड़ा के पिता अनिल अरोड़ा की आत्महत्या की खबर ने सभी को चौंका दिया है. अनिल अरोड़ा ने बांद्रा स्थित अपने घर की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. उनकी आत्महत्या की वजह अभी तक सामने नहीं आई है. इस बीच आइए जानते हैं कि भारत में किस धर्म और जाति के लोग सबसे ज्यादा आत्महत्या करते हैं.
गृह मंत्रालय ने आत्महत्याओं की जाति और धर्म के आधार पर अलग से गणना करवाई थी. नेशनल क्राइम ब्यूरो (NCRB) ने साल 2014 में पहली बार आत्महत्याओं का डाटा धर्म और जाति के आधार पर तैयार किया था. इस डाटा को 2015 में सार्वजनिक किया जाना था, लेकिन गृह मंत्रालय ने कभी डाटा रिलीज ही नहीं किया.
मीडिया के मुताबिक, आरटीआई पर सामने आए आंकड़ों के मुताबिक ईसाइयों में आत्महत्या की दर 17.4 फीसदी है. जहां हिंदुओं में यही दर 11.3 % है, वहीं मुसलमानों में आत्महत्या दर 7 % और सिखों में 4.1 % है. आत्महत्या की राष्ट्रीय दर 10.6 % है. आत्महत्या की दर प्रति 1 लाख जनसंख्या पर आत्महत्या पर आधारित है. ईसाइयों में आत्महत्या की दर उनकी जनसंख्या के अनुपात में नहीं है. 2011 की जनगणना के मुताबिक देश की 2.3 % आबादी ईसाई धर्म को मानती है, लेकिन आत्महत्या में इनका प्रतिशत 3.7 है.
जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में समस्याओं का सामना करने में असमर्थ हो जाता है तो वह आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लेता है. ये समस्याएँ वित्तीय कठिनाइयाँ, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ, सामाजिक और पारिवारिक दबाव, शिक्षा और करियर संबंधी समस्याएँ या स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं.
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