मुंबई। देश में इस वक्त यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा जोरो पर है. भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के समान नागरिक संहिता पर दिए बयान के बाद इस पर बहस तेज हो गई. तमाम राजनीतिक दलों के लोग इस मामले पर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस […]
मुंबई। देश में इस वक्त यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा जोरो पर है. भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के समान नागरिक संहिता पर दिए बयान के बाद इस पर बहस तेज हो गई. तमाम राजनीतिक दलों के लोग इस मामले पर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि लोग मोदी सरकार से नाराज हैं, इसीलिए केंद्र सरकार उनका ध्यान भटकाने के लिए यह मुद्दा (समान नागरिक संहिता) उठा रही है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह मुद्दा (समान नागरिक संहिता) विधि आयोग को दे दिया है और आयोग ने विभिन्न संगठनों से प्रस्ताव मांगे हैं. अब तक, आयोग को 900 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. मुझे नहीं पता कि उन प्रस्तावों में क्या उल्लेख है, उन्होंने इसे सार्वजनिक नहीं किया. विधि आयोग को जिम्मेदार संस्थानों की तरह उन्हें दिए गए प्रस्ताव/सुझाव का अध्ययन करना चाहिए और उस पर काम करना चाहिए.
एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि यूसीसी में दूसरी बात ये है कि सिख, जैन और ईसाई समुदाय का रुख साफ किया जाए. मुझे एक बात की चिंता है, मैंने सुना है कि सिख समुदाय का रुख अलग है. मैं और जानकारी एकत्र कर रहा हूं लेकिन मैंने सुना है कि सिख समुदाय यूसीसी के पक्ष में नहीं है. इस समुदाय के रुख को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
शरद पवार ने आगे कहा कि मुझे केवल एक ही संदेह है. देश की मौजूदा तस्वीर और लोगों में मौजूदा सरकार को लेकर नाराजगी देखने के बाद मुझे लगता है कि ये लोगों का ध्यान इससे भटकाने की कोशिश है. समान नागरिक संहिता पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि लोगों की नाराजगी और बेचैनी पीएम तक पहुंच गई है.
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