नई दिल्ली. लोकसभा 2019 चुनाव आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों जैसे बाई, ड्राईवर, सफाई वाले, गार्ड के लिए भी एक निर्धारित वेतन और पेंशन लाने की योजना बना रही है. इसके अलावा सरकार संगठित क्षेत्र में भी काम करने वाले 6 करोड़ लोगों के लिए महीने में न्यूनतम पेंशन लाने की योजना पर काम कर रही है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कैबिनेट में कोड ऑन वेजेज बिल का संशोधित प्रस्ताव भेज दिया है. इसमें असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए न्यूनतम वेतन तय किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक न्यूनतम वेतन 9,900 प्रति माह पर तय किया जा सकता है. संसद में अगस्त 2017 में कोड जारी किया गया था. सूत्रों का कहना है कि यह प्रस्ताव 26 दिसंबर को आना था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतिम समय की समीक्षा के बाद इसे टाल दिया गया. यह अब 2 जनवरी को मंजूरी के लिए आ सकता है. प्रधानमंत्री कार्यालय संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करना चाहते थे.
कोड में प्रस्ताव दिया गया कि न्यूनतम मजदूरी वेतन सभी मजदूरों के लिए एक कानूनी अधिकार बनाया जाए. इस बिल का उद्देश्य है वेतन और बोनस पर चल रहे चार मौजूदा कानूनों को बदलना. संशोधित कोड के मुताबिक असंगठित क्षेत्र में मजदूर संघ नजर बनाए रख सकते हैं कि मजदूर को हर महीने के सातवें दिन वेतन मिल रहा हो और रोज के काम के घंटे तय किए जाएं. इस कोड के तहत यूनियनों को हर हफ्ते मजदूरों को एक दिन की तय छुट्टी देने के भी आदेश देता है.
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