अब अमेरिका में पढ़ेगा बिहार के एक मजदूर का बेटा, 2.5 करोड़ की मिली स्कॉलरशिप

पटना, बिहार के पटना में फुलवारीशरीफ का रहने वाला महादलित परिवार का एक बेटा अब अमेरिका में अपना भविष्य संवारने वाला है. दरअसल पटना के गोनपुरा गांव के 17 वर्षीय प्रेम कुमार को अमेरिका के प्रतिष्ठित लाफायेट कॉलेज में पढाई के लिए 2.5 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है. दुनिया के 6 छात्रों में पटना […]

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अब अमेरिका में पढ़ेगा बिहार के एक मजदूर का बेटा, 2.5 करोड़ की मिली स्कॉलरशिप

Aanchal Pandey

  • July 12, 2022 5:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना, बिहार के पटना में फुलवारीशरीफ का रहने वाला महादलित परिवार का एक बेटा अब अमेरिका में अपना भविष्य संवारने वाला है. दरअसल पटना के गोनपुरा गांव के 17 वर्षीय प्रेम कुमार को अमेरिका के प्रतिष्ठित लाफायेट कॉलेज में पढाई के लिए 2.5 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है. दुनिया के 6 छात्रों में पटना के मजदूर परिवार के प्रेम कुमार का नाम भी शामिल है. बता दें प्रेम बिहार के महादलित मुसहर समुदाय से आता है और उसका परिवार बेहद गरीब है.

प्रेम पिछले चार साल से पटना के एक ग्लोबल संस्थान से जुड़ कर पढ़ाई कर रहा है और इसी संस्थान के जरिए कुछ दिन पहले उसे सूचना मिली की लाफायेट में उसका सिलेक्शन हो गया है. कॉलेज द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के लिए प्रेम कुमार को 2.5 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मिली है. छात्रवृत्ति में पढ़ाई के साथ-साथ रहने खाने का भी पूरा खर्च कवर हो जाएगा, साथ ही इनमें ट्यूशन फी, निवास, किताबें, स्वास्थ्य बीमा, यात्रा व्यय आदि शामिल हैं.

ऐसे हुआ चयन

वर्ष 1826 में स्थापित लाफायेट कॉलेज अमेरिका के टॉप 25 कॉलेजों में से एक है. लाफायेट की ये फेलोशिप उन चुनिंदा छात्रों को दी जाती है, जिनमें दुनिया की कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए आंतरिक प्रेरणा और प्रतिबद्धता हो. कॉलेज की तरफ से प्रेम कुमार को जो पत्र भेजा गया उसमें लिखा था कि आपकी उपलब्धियों, संघर्ष, मेहनत और हाई स्कूल में परफॉर्मेंस के आधार पर आपका चयन किया जा रहा है.

2020 में पास की मैट्रिक

पटना से सटे फुलवारी शरीफ के गोनपुरा के रहने वाले प्रेम कुमार के महादलित टोला में खुशी की लहर छाई हुई है, और ख़ुशी हो भी क्यों न, पहली बार इस टोला का कोई अमेरिका पढ़ने जो जा रहा है. प्रेम का परिवार भी ख़ुशी से फूले नहीं समा रहा. प्रेम ने बताया कि उसने 2020 में शोषित समाधान केंद्र उड़ान टोला, दानापुर से मैट्रिक पास की थी और सीबीएसई बोर्ड में उसने 435 अंक मिले थे. इसी कॉलेज से उसने 2022 में साइंस (मैथ) से इंटर की परीक्षा पास की.

अँधेरे में करता था पढ़ाई

प्रेम कुमार का एक झोपड़पट्टी नुमा घर है, वह इसी घर में अँधेरे में लालटेन जलाकर पढ़ाई करता है. घर की हालत देख परिवार की गरीबी का अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन अब इसी झोपड़ी से निकलकर प्रेम अमेरिका जाने वाला है. उसने अपने दम पर यह सबकुछ हासिल किया हैं, प्रेम के पिता जीतन मांझी एक मजदूर हैं. वह किसी तरह मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं.

 

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