Patanjli: सुप्रीम कोर्ट का बाबा रामदेव को आदेश, सभी शिकायतकर्ताओं को बनाएं पक्षकार

नई दिल्लीः बाबा रामदेव ने कोविड महामारी के दौरान अंग्रेजी दवाईयों को लेकर की कई कथित टिप्पणियों के मामले में आपराधिक कार्रवाई पर रोक की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की हुई है। शु्क्रवार यानी 19 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने बाबा रामदेव को उनके खिलाफ शिकायत करने वाले सभी शिकायतकर्ता को मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया है।

बाबा रामदेव के बयान के खिलाफ दर्ज हुए मामले

पटना और रायपुर के आईएमए ने साल 2021 में बाबा रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि बाबा रामदेव की कथित टिप्पणियों से लोगों का अंग्रेजी दवाओं से मोहभंग हुआ और लोगों ने इलाज नहीं कराया। इसकी वजह से भी कोरोना को नियंत्रित करने में भी परेशानी हुई। बाबा रामदेव की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमएम सुंरदेश और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने शिकायतकर्ता को पक्षकार बनाने को कहा है। हालांकि कोर्ट ने मामले पर सुनवाई गर्मियों की छुट्टियों के बाद करने का फैसला किया है।

बिहार सरकार की तरफ से कोर्ट में दलील रखते हुए वकील ने कहा कि उन्हें इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए। बता दें कि बाबा रामदेव ने अपनी याचिका में बिहार सराकार, छत्तीसगढ़ सरकार, केंद्र सरकार और आईएमए को पक्षकार बनाया है। बाबा रामदेव ने याचिका में कहा है कि वे अंग्रेजी दवाओं विश्वास नहीं करते। बाबा रामदेव के बयान से नाराजगी बढ़ी थी और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए थे। वहीं बाबा रामदेव ने अपने खिलाफ चल रही मुकदमों पर रोक लगाने की मांग की है।

बाबा रामदेव के बयान के बाद देश में अंग्रेजी दवाओं और आयुर्वेद की बहस शुरु हो गई थी। तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव के बयान पर आपत्ति जताते हुए इसे गलत करार दिया था। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने दावा किया है कि कोरोना के दौरान कोरोनिल दवाई बेचकर बाबा रामदेव की कंपनी ने हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की, जबकि ये दवाई को किसी प्रतिस्पर्धी अथॉरिटी से मंजूरी भी दी गई थी।

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