नई दिल्ली: मंगलवार (21 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि (Patanjali) आयुर्वेद को फटकार लगाई और कहा कि आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित करना बंद करें, वरना 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। बुधवार को स्वामी रामदेव ने पतंजलि की तरफ से इस मामले पर सफाई दी। बाबा रामदेव ने कहा कि हमारे खिलाफ झूठा प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है, पिछले 5 साल से पतंजलि और रामदेव को टारगेट करने के लिए प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है।
स्वामी रामदेव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कल से मीडिया के हजारों साइट्स पर एक खबर को वायरल किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि (Patanjali) को फटकार लगाई कि झूठा प्रोपेगेंडा करोगे तो करोड़ो रुपये का जुर्माना लगेगा। हम सुप्रीम कोर्ट और देश के कानून का आदर करते हैं, लेकिन झूठा प्रचार हम नहीं कर रहे हैं।
बाबा रामदेव ने कहा कि डॉक्टरों के एक गिरोह ने ऐसी संस्था बना रखी है, जो योग, नेचुरोपैथी, आयुर्वेद और अपने सनातन सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ प्रोपेगेंड़ा चलाते रहते हैं। ये झूठा प्रोपेगेंड़ा है कि बीपी, शुगर, थायरॉइड, अस्थमा जैसी बीमारियों का कोई समाधान नहीं है। हम मोटापा तो 8-8 दिन में 12 से 15 किलो तक कम कर देते हैं। यदि हम झूठे हैं तो हमारे ऊपर सैकड़ों नहीं हजारों करोड़ का जुर्माना लगाएं. हमें डेथ पेनल्टी भी स्वीकार है लेकिन यदि हम झूठ नहीं बोल रहे हैं, तो जो प्रोपेगेंडा कर रहे हैं, उनके ऊपर जुर्माना लगाओ। पिछले 5 वर्षों से पतंजलि के खिलाफ बहुत खतरनाक प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है।
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