पतंजलि के सह-संस्थापक बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अगस्त माह में इंस्टेंट मेसेजिंग एप Kimbho App को फिर से लॉन्च करने जा रहे हैं. खबर है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी ऐुप लॉन्च में शामिल रहेंगे. बता दें कि बीते मई में इस ऐप को लॉन्च किया गया था लेकिन इसमें आई परेशानी के कारण इस वापस बंद कर दिया गया था.
नई दिल्ली. बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का इंस्टेंट मेसेजिंग एप Kimbho App अगस्त महीने में वापसी कर सकता है. बताया जा रहा है कि आने वाले 27 अगस्त को पहले से ज्यादा एडवांस फीचर्स के साथ ऐप स्टोर पर उपलब्ध होगा. पतंजलि के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस बात की जानकारी दी है. बता दें कि पहले बीते मई महीने में इस एप को लॉन्च किया गया था. खबर है कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, बाबा रामदेव और बालकृष्ण साथ लॉन्च करेंगे.
गौरतलब है कि 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बालकृष्ण ने ट्विटर पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि ”उनके सुधार के साथ विधिवत 27 अगस्त 2018 को लॉन्च करेंगे. आपके सुझाव व समीक्षा का हम स्वागत करते है. आओ लॉन्च से पहले ही इस स्वदेशी ‘किम्भो:’ को पूरी दुनिया में गूंजा दे. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. भारत माता की जय.” वहीं पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने भी सोशल मीडिया पर किंभो एप की जानकारी दी. तिजारावाला ने लिखा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, बाबा रामदेव और बालकृष्ण एक साथ इस एप को लॉन्च करेंगे.
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उनके सुधार के साथ विधिवत 27 अगस्त 2018 को लॉन्च करेंगे । आपके सुझाव व समीक्षा का हम स्वागत करते है । आओ लॉन्च से पहले ही इस स्वदेशी “किम्भो:” को पूरी दुनिया में गूंजा दे।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
भारत माता की जय ।
डाउनलोड करे https://t.co/rpiao1Tm0T pic.twitter.com/BJEBI8myFE— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) August 15, 2018
बताते चलें कि बीते मई महीने में पहली बार किंभो ऐप को आधिकारिक तरीके से लॉन्च किया था. उस दौरान कहा जा रहा था कि यह स्वदेशी ऐप वॉट्सऐप और दूसरे इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप्स को टक्कर देगा. हालांकि लॉन्च एक दिन बाद ही इसको लेकर विवाद पैदा हो. दरअसल ऐपमें कई तरह की समस्याएं आ गईं जिस वजह से ऐप बिल्कुल भी ठीक से काम नहीं कर रहा था. एक फ्रेंच टिप्सटर ने इस ऐप को प्राइवेसी पर खतरा बताते हुए दावा किया था कि वह इस एप्स को इस्तेमाल कर रहे सभी यूजर्स की चैट पढ़ सकता है. वहीं जब ये ऐप गूगल प्ले स्टोर पर से हटाया गया तो उस दौरान कई सारे फेक एप लिस्ट हो गए. हालांकि पतंजलि ने साफ किया था कि वे सभी पतंजलि के ऐप नहीं है.
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