आधार की अनिवार्यता पर आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. इस दौरान पांच जजों की संविधान पीठ में से एक जज जस्टिस चंद्रचूड़ आधार अधिनियम पूर्ण रूप से असंवैधानिक है और अगर इसे मनी बिल के रूप में पास कराया गया तो यह संविधान के साथ फ्रॉड होगा
नई दिल्लीः आज सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता पर बड़ा फैसला सुनाया इस दौरान जहां एक तरफ पांच जजों में चार जजों ने आधार की वैधता तो संवैधानिक ठहराया वहीं जस्टिस डीवीई चंद्रचूड़ का कहना था कि आधार अधिनियम पूर्ण रूप से असंवैधानिक है और अगर इसे मनी बिल के रूप में पास कराया गया तो यह संविधान के साथ फ्रॉड होगा. चंद्रचूड़ ने कहा कि संवैधानिक गारंटी को तकनीकि के उलटफेर से समझौता नहीं किया जा सकता. चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार अधिनियम का उद्देशय वैध है, लेकिन इमसें सूचना सहमति और व्यक्तिगत अधिकार की रक्षा के लिए पर्याप्त और मजबूत सुरक्षा उपाय नहीं हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने आगे कहाकि आधार के जरिए आम जनता की निगरानी की संभावना है और ये जिस तरीके से तैयार किया गया है उसके डेटाबेस जानकारी लीक होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने आगे कहा कि डाटा व्यक्ति के साथ हर मसय निहित होना चाहिए.निजी कंपनी को आधार का उपयोग करने की इजाजत देने से प्रोफाइलिंग हो जाएगी जिसका इस्तेमाल नागरिकों के राजनीतिक विचारों के बारे में जानने के लिए किया जा सकता है.
चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार नहीं होने के कारण सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं से इंकार करना नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन था. नागरिकों की रक्षा के लिए UIDAI की कोई संस्थागत जिम्मेदारी नहीं है, उन्होंने कहा कि मजबूत डेटा संरक्षण प्रदान करने के लिए नियामत तंत्र नहीं है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुच्छेद 110 का उल्लंघन करने के मामले में आधार कानून को खारिज किया जाना चाहिए औऱ इसमें राज्यसभा को दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए था. यह एक तरीके का छल है. जस्टिस ने कहा कि आधार कार्यक्रम सूचना की निजता, स्वनिर्णय और डेटा सुरक्षा का उल्लंघन करता है. खुद यूआईडीएआई ने यह स्वीकार किया है कि वह महत्वपूर्ण सूचनाओं को एकत्र करता है जो कि निजता के अधिकार का उल्लंघन है. जिसका कोई भी निजी कंपनी शख्स की बगैर सहमति के दुरुपयोग कर सकती हैं.
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आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस ने किया स्वागत, कहा- ये फैसला बीजेपी के चेहरे पर तमाचा है