नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला फाइनल हो गया है। बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 17 पर भाजपा जबकि 16 पर जेडीयू चुनाव लड़ेगी। चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोजपा को 5 सीटें दी गई है। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल और पूर्व सीएम […]
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला फाइनल हो गया है। बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 17 पर भाजपा जबकि 16 पर जेडीयू चुनाव लड़ेगी। चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोजपा को 5 सीटें दी गई है। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एक-एक सीट पर चुनावी मैदान में उतरेगी। हालांकि एनडीए की ओर से सीट शेयरिंग के ऐलान में पशुपति कुमार पारस का नाम शामिल नहीं था।
अब पशुपति कुमार पारस भाजपा के फैसले से नाराज हो गए हैं। मौका देखते हुए राजद ने पशुपति पारस को तीन सीट देने का ऑफर दे दिया है। बता दें कि पशुपति कुमार पारस मोदी सरकार में मंत्री हैं। ऐसे में अब एनडीए में उनके भविष्य को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि पारस मंगलवार यानी 19 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने अगले फैसलों का ऐलान करेंगे। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि वो मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा भी दे सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, एनडीए में सीट नहीं मिलने के बाद पारस लालू यादव की पार्टी आरजेडी के संपर्क में हैं। आरजेडी ने उन्हें हाजीपुर समेत तीन सीटों का ऑफर दे दिया है। वहीं आरजेडी ने मुकेश सहनी को कटिहार सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है।
दरअसल, 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो हिस्सों में बंट गई थी। एक तरफ चिराग पासवान हैं तो दूसरी ओर उनके चाचा पशुपति पारस हैं। पारस वर्तमान में बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। बता दें कि रामविलास पासवान हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ते थे। उनके निधन के बाद चिराग पासवान कई बार हाजीपुर सीट से मैदान में उतरने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। दूसरी ओर पशुपति पारस यह सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। कुछ दिन पहले ही पारस ने कहा था कि वो हाजीपुर की सीट नहीं सकते हैं।