नई दिल्लीः भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी कितने करीब थे। ये बातें किसी से छिपी हुई नहीं है। इसी बीच प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस के पूर्व नेत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी की किताब इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है। एक दिन पहले ही उनके किताब के माध्यम से यह खुलासा हुआ था कि उनके पिता प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री बनना चाहते थे लेकिन सोनिया गांधी उन्हें पीएम पद के लिए नहीं चुनतीं। इस बार एक और खुलासा हुआ। ये खुलासा पीएम मोदी और प्रणब मुखर्जी को लेकर हुआ हैं। आइए जानते है विस्तार से
शर्मिष्ठा मुखर्जी के अनुसार, प्रणब मुखर्जी का विचार था कि इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी एकमात्र ऐसे पीएम हैं, जो लोगों के मिजाज को इतनी तीव्रता और सटीकता से महसूस करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने 23 अक्टूबर 2014 को अपनी डायरी में लिखा कि पीएम की सियाचिन में सेना के जवानों और श्रीनगर में बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ दिवाली मनाने का फैसला उनकी राजनीतिक समझ को दर्शाता है जो इंदिरा गांधी के अलावा किसी अन्य प्रधानमंत्री में नहीं दिखी।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आशचर्य जताते हुए कहा कि दोनों के राजनीतिक विचार इतने अलग है फिर भी दोनों बहुत करीब है। बता दें कि मुखर्जी ने पीएम मोदी के साथ नागपुर में आरएसएस को संबोधित करने वाले भारत के पहले पूर्व राष्ट्रपति है। इस दौरान उन्होंने संगठन के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को भारत माता का एक महान पुत्र बताया था। इस बात से शर्मिष्ठा मुखर्जी हैरान हो गईं थीं।
शर्मिष्ठा मुखर्जी के मुताबिक उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने अपने डायरी में लिखा कि पीएम मोदी हमेशा मेरे पैर छूते हैं और मुझसे कहते हैं कि ऐसा करने से उन्हें खुशी मिलती है। मुझे इसका कारण नहीं पता। उनके रिश्ते के इस पहलू को समझाते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी बताती हैं कि बाद में, पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से मुझे प्रणब के पैर छूने की अपनी प्रथा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वह प्रणब को लंबे समय से जानते थे, यहां तक कि उनके गुजरात के सीएम बनने से पहले भी।