नई दिल्ली : सड़क परिवहन के लिए सबसे अहम विषय रोड सेफ्टी है. जिसको लेकर देश में हर समय चर्चा होती रहती है. अगले वित्त वर्ष को लेकर कोई लक्ष्य न निर्धारित होने की वजह से संसदीय समिति ने हैरानी जताई है. मार्ग दुर्घटना के मामले में भारत का रिकॉर्ड बहुत खराब है. परिवहन मंत्रालय […]
नई दिल्ली : सड़क परिवहन के लिए सबसे अहम विषय रोड सेफ्टी है. जिसको लेकर देश में हर समय चर्चा होती रहती है. अगले वित्त वर्ष को लेकर कोई लक्ष्य न निर्धारित होने की वजह से संसदीय समिति ने हैरानी जताई है. मार्ग दुर्घटना के मामले में भारत का रिकॉर्ड बहुत खराब है. परिवहन मंत्रालय ने अगले वित्त वर्ष के लिए कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है.
परिवहन से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में रखी गई रिपोर्ट में मंत्रालय से पूछा कि कोई लक्ष्य शामिल किए जाने का कारण क्या है. समिति ने कहा कि रिसर्च, ट्रेनिंग और सड़क सुरक्षा से जुड़े अन्य पहलु बहुत अहम है लेकिन पिछले 5 सालों में यह रूझान रहा कि पूरा पैसा भी नहीं खर्च हो पाया.
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 13 लाख से अधिक लोगों की सड़क हादसे में मौत होती है. वहीं 5 करोड़ से अधिक लोग घायल और अपंग हो जाते है. कुछ साल पहले टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइसर मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत हो गई थी जिसके बाद सड़क सुरक्षा की चर्चा काफी जोर-शोर से हुई थी. उसी घटना के बाद से गाड़ी के पीछे बैठने वाले लोगों को भी सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया.
सड़क दुर्घटना के मामले में पूरे विश्व में भारत का पहला स्थान है. प्रतिदिन भारत में 400 से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है.
हादसे से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि हमेशा हेलमेट लगाकर गाड़ी चलाए और धीरे-धीरे चलाए. गाड़ी चलाते समय हमेशा ट्रैफिक नियमों का पालन करे. पुलिस को हमेशा चेकिंग अभियान चलाना चाहिए ताकि लोग बिना लाइसेंस के गाड़ी न चला सके. लोगों को भी समय-समय पर गाड़ियों की सर्विसिंग करना चाहिए ताकि गाड़ी सही चले.
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