नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र(Parliament Winter Session) की शुरुआत अगले सप्ताह सोमवार से हो रही है। वहीं सांसदों को संसदीय परंपराओं और उसके तौर-तरीकों को लेकर खास निर्देश भी जारी किए गए हैं। यह निर्देश विशेष रूप से राज्यसभा में उठाए जाने वाले विषयों के विज्ञापन को लेकर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक […]
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र(Parliament Winter Session) की शुरुआत अगले सप्ताह सोमवार से हो रही है। वहीं सांसदों को संसदीय परंपराओं और उसके तौर-तरीकों को लेकर खास निर्देश भी जारी किए गए हैं। यह निर्देश विशेष रूप से राज्यसभा में उठाए जाने वाले विषयों के विज्ञापन को लेकर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक राज्यसभा सांसदों को स्पष्ट किया गया है कि जब तक सभापति नोटिस को स्वीकृति न दें तब तक इसकी जानकारी दूसरे सांसदों के साथ साझा नहीं की जाए।
सांसदों के लिए जारी कड़े निर्देश
गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र(Parliament Winter Session) के शुरू होने से पहले राज्यसभा सांसदों के लिए जारी कड़े निर्देशों में इस बात को भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सभापति की मंजूरी से पहले सदन में दिए जाने वाले नोटिस को सार्वजनिक नहीं किया जाए। बता दें कि इन सभी निर्देशों को राज्यसभा सदस्यों के लिए अप्रैल 2022 में प्रकाशित हैंडबुक में परंपराओं और प्रैक्टिस का हवाला देते हुए दिया गया है।
वहीं इन निर्देशों में यह भी कहा गया है कि सांसदों को बेवजह और विवादित विषयों के प्रचार प्रसार से बचना चाहिए। अगर देखा जाए तो अभी तक राज्यसभा में विपक्षी सांसद सदन में किसी भी खास मुद्दे को उठाने के नोटिस को सार्वजनिक करते हुए आए हैं लेकिन अब इसे रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र के इस बार 4 दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलने की संभावना है। विंटर सेशन के 19 दिनों के दौरान 15 बैठकें होंगी। संसद का यह शीतकालीन सत्र 5 राज्यों के चुनावी नतीजे आने के अगले दिन से शुरू होगा और ऐसे में चुनावी नतीजों का असर संसद सत्र की कार्यवाही पर भी पड़ सकता है।
– सदन में थैंक्यू, थैंक्स, जय हिन्द, वंदे मातरम जैसे नारे लगाना सख्त मना हैं।
– सभापति की ओर से दी गई व्यवस्था की सदन के बाहर या भीतर आलोचना नहीं होनी चाहिए।
– सदन में प्ले कार्ड नहीं लहराएं.
– आसन को पीठ न दिखाई जाए.
– कोई भी सदस्य सभापति के पास सीधा नहीं पहुंचेगा, वे सहायक के हाथों पर्ची भेज सकते हैं।
– जब सभापति बोल रहे हों तब कोई भी सदस्य सदन नहीं छोड़ेगा, सभापति के बोलते समय सदन में शांति होनी चाहिए।
– बिना अनुमति अगर कोई सांसद 60 दिनों तक गैरहाजिर रहता है तो उसकी सीट खाली घोषित की जा सकती है।
– सदन में सदस्यों की उपस्थिति दर्ज होनी जरुरी है।
– नए लोगों का पहला भाषण, मेडन स्पीच, 15 मिनट से ज्यादा का नहीं होना चाहिए और विषय से हटकर न बोलें।
– सदन में एक साथ दो सदस्य खड़े नहीं हो सकते हैं।
– संसद परिसर में धूम्रपान करना सख्त मना है।
– कोई भी सांसद सदन की कार्यवाही की वीडियो नहीं बनायेगा।
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