नई दिल्ली. आने वाले कुछ दिनों में संसद का शीतकालीन सत्र ( Parliament Winter Session ) शुरू होने वाला है. इस सत्र में सरकार कई ज़रूरी बिलों को पेश कर सकती है, जिसमें से एक है नया बिजली कानून, जिसके तहत कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी अब समाप्त कर दी जाएगी. साथ ही, इस नए […]
नई दिल्ली. आने वाले कुछ दिनों में संसद का शीतकालीन सत्र ( Parliament Winter Session ) शुरू होने वाला है. इस सत्र में सरकार कई ज़रूरी बिलों को पेश कर सकती है, जिसमें से एक है नया बिजली कानून, जिसके तहत कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी अब समाप्त कर दी जाएगी. साथ ही, इस नए बिजली क़ानून से लोग अब फ्री बिजली से भी हाथ धो सकते हैं.
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में बिजली क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकती है, इसके तहत नए बिजली बिल का ड्राफ्ट भी तैयार किया जा चूका है. इस नए बिजली कानून में कई बदलाव किए गए हैं, और इन बदलावों का सबसे सीधा असर करोड़ों बिजली ग्राहकों पर पड़ेगा. इसमें सबसे बड़ा बदलाव तो यह है कि बिजली कंपनियों को सब्सिडी नहीं दी जाएगी, अब यह सब्सिडी सीधे ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाएगी.
बिजली क्षेत्र में आने वाले बड़े बदलावों के तहत एक बदलाव यह भी है कि बिजली कंपनियां अब ग्राहकों से पूरा बिल वसूलेंगी, यानी, ग्राहकों को बिजली पूरी कीमत पर ही मिलेगी. फिर स्लैब के हिसाब से सरकार ग्राहकों के खातों में सब्सिडी ट्रांसफर करेगी. इसका सबसे बड़ा असर यह होगा कि मुफ्त बिजली के दिन खत्म हो जाएंगे, क्योंकि कोई भी सरकार मुफ्त बिजली नहीं दे सकेगी. हालांकि, वह ग्राहकों को सब्सिडी दे सकती है.
बीते कुछ समय से सरकार नए बिजली क़ानून लाने की तैयारी में जुटी है, बता दें कि बीते कुछ समय से बिजली कंपनियां घाटे में होने की शिकायत कर रही हैं, जिस वजह से सरकार ये नया बिजली कानून लाने की फ़िराक में है. इस क़ानून को लाने का दूसरा कारण डिसकॉम पर कंपनियों का 95 हजार करोड़ बकाए को बताया जा रहा है. डिसकॉम को सब्सिडी मिलने में देरी होती है, जिससे वितरण कंपनियां संकट में हैं. सरकार नया बिजली कानून लाकर इन सब दिक्क्तों को दूर करने की तैयारी कर रही है.