नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र का आयोजन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इस सत्र को क्रिसमस से पहले समाप्त कर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सत्र तीन दिसंबर को पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के नतीजों के कुछ दिनों बाद शुरू हो सकता है। […]
नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र का आयोजन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इस सत्र को क्रिसमस से पहले समाप्त कर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सत्र तीन दिसंबर को पांच राज्यों में हो रहे चुनाव के नतीजों के कुछ दिनों बाद शुरू हो सकता है। सत्र के दौरान आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन प्रमुख विधेयकों पर सत्र के दौरान विचार की जा सकती है। बता दें कि गृह मामलों की स्थायी समिति ने हाल ही में तीन रिपोर्टों को अपनाया था।
संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है और 25 दिसंबर से पहले समाप्त हो जाता है। संसद में लंबित एक अन्य प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा मामला है। हालांकि मानसून सत्र में पेश किए गए इस प्रस्ताव को सरकार ने विपक्ष और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों के विरोध के बीच संसद के विशेष सत्र में पारित करने पर जोर नहीं दिया। केंद्र सरकार सीईसी और ईसी के पद को कैबिनेट सचिव स्तर का करना चाहती है। वर्तमान में इस पद को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर का दर्जा प्राप्त है।
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