नई दिल्लीः हाईकोर्ट ने बुधवार यानी 3 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने की आरोपी नीलम को झटका दे दिया है। बता दें कि नीलम की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया गया था। जिसमें उसने जिक्र किया था कि उन्हें वकिल से नहीं मिलने दिया जा रहा है। साथ ही उसने रिहाई की मांग किया था। अब कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए नीलम की तत्काल रिहाई की मांग को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि मामला सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि वह पहले ही निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल कर चुकी है।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ती सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ती मनोज जैन ने कहा कि आरोपी को अपने मनपसंद वकील द्वारा बचाव की अनुमति देने से इनकार करना रिहाई का अधार नहीं हो सकता है क्योंकि अनुच्छेद 22 का उल्लंघन नहीं किया गया है। सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि एफआईआर आपके खिलाफ है, ऐसे किसी अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है। आप ट्रायल कोर्ट के समक्ष जाएं, आपने यह याचिका क्यों दायर की है ? जमानत आवेदन ट्रायल कोर्ट के सामने लंबित है।
बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा का उल्लंघन करने के आरोप में नीलम सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। दो आरोपियों ने संसद के अंदर हंगामा खड़ा किया था। वहीं नीलम ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। बता दें कि सभी आरोपियों ने महंगाई और गरीबी जैसे मुद्दों पर पीएम नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करने के लिए संसद परिसर में घुसपैठ की योजना बनाई थी। पुलिस ने आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 452, 186, 353, 452, 153 और 34 के तहत आरोप लगाया है।
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