Parliament Monsoon Session Day 1: संसद में आज से मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. मोदी सरकार का पूरा जोर महत्वपूर्ण बिलों को पास कराने पर है तो वहीं कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल मॉब लिंचिंग, भ्रष्टाचार, महंगाई, महिला सुरक्षा, किसानों की आत्महत्या, रेप की बढ़ती घटनाओं समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर चुके हैं. लिहाजा मोदी सरकार सत्र को लेकर पूरी तरह डिफेंस मोड में नजर आ रही है.
नई दिल्लीः आज से संसद के मॉनसून सत्र की शुरूआत होने जा रही है. मोदी सरकार महत्वपूर्ण बिलों जैसे तीन तलाक बिल, महिला आरक्षण विधेयक, भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा बिल, बलात्कार के दोषियों को सख्त दंड के प्रावधान वाले विधेयक, समेत कई अन्य बिलों के साथ आज संसद की दहलीज पार करेगी. वहीं विपक्ष मोदी सरकार को देश में हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाएं, महंगाई, रोजगार, नौकरियों में आरक्षण, बैंकों के फर्जीवाड़े, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम, दलित उत्पीड़न, डॉलर के मुकाबले रुपए की दर में गिरावट, किसानों की आत्महत्या, महिला सुरक्षा, रेप की बढ़ती घटनाओं सहित तमाम मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर चुका है.
सूत्रों के अनुसार, देश में भीड़तंत्र के खुद इंसाफ सुनाने के मुद्दे पर कांग्रेस गंभीर है. कहा जा रहा है कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की बढ़ती घटनाओं पर विपक्ष पहले ही दिन स्थगन प्रस्ताव दे सकता है. विपक्ष इस सत्र में भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है. माना जा रहा है कि इस बार मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में कुछ अन्य पार्टियां भी विपक्षी दलों के साथ खड़ी नजर आ सकती हैं.
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने उच्च शिक्षा में एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है. रामगोपाल यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा में एससी-एसटी वर्ग की अनदेखी की जा रही है. वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस एक बार फिर आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर सदन में हंगामा कर सकती है.
सरकार और विपक्ष के बीच राज्यसभा के उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भी तकरार बढ़ सकती है. दरअसल पी.जे. कुरियन एक जुलाई को सेवानिवृत्त हो चुके हैं. बीजेपी चाहती है कि लोकसभा में बहुमत होने के नाते इस पद पर या तो उनका उम्मीदवार जीते या फिर एनडीए में शामिल किसी दल का, लेकिन विपक्ष इस पद पर अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारना चाहता है. माना जा रहा है कि विवाद को देखते हुए बीजेपी यहां थोड़ा नरम रूख अपना सकती है.
विपक्षी दलों ने सरकार पर पिछले बजट सत्र में नियमों और संविधान की अवहेलना करने का आरोप लगाया. इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिख कहा गया कि बजट सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को नाटकीय ढंग से गायब कर दिया गया था. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. कांग्रेस, सपा, सीपीआई (एम), आम आदमी पार्टी सांसदों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
विपक्ष के तेवर देखते हुए संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सदन की कार्यवाही को सही तरीके से चलाने पर पूरा सहयोग देने की बात कही है. संसद का चलना राष्ट्रहित में होता है. देश की जनता यह चाहती है. सरकार हर राष्ट्रीय मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है. अविश्वास प्रस्ताव के सवाल पर अनंत कुमार ने कहा कि विपक्ष की ओर से अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो मोदी सरकार उसका जवाब देने को पूरी तरह से तैयार है.