नई दिल्ली। संसदीय समिति की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार देश में मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त सभी मदरसों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, ताकि सभी मदरसों की जानकारी हासिल हो सके। बता दें कि संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश की गई थी। देशभर के मदरसों की अधिक व्यापक जानकारी रखने के लिए, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने समिति को बताया कि उन्होंने मदरसों के लिए एक एमआईएस (Management Information System) पोर्टल बनाने के लक्ष्य से एक एजेंसी को नियुक्त किया है।
देश की संसदीय समिति चाहती है कि एमआईएस पोर्टल को समय अनुसार सही तरीके से तत्काल विकसित किया जाए, जिससे की मदरसों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का काम जल्द ही शुरू किया जा सके। बता दें, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 1.17 लाख शिक्षकों के साथ ही 26, 928 रजिस्टर्ड मदरसे भी हैं और इन संस्थानों में छात्र नामांकन 43.52 लाख से अधिक का है। संसदीय पैनल ने बताया है कि उपलब्ध बुनियादी ढांचे, शिक्षकों और छात्रों सहित मदरसों के सम्बंध में पूरी जानकारी की कमी है क्योंकि केवल 10 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों ने यूडीआईएसई पोर्टल पर वर्णन किया है, यदि ऐसा रहा तो नई शिक्षा नीति को लागू करना मुश्किल होजाएगा।
देश की संसदीय समिति ने मंत्रालय से कहा था कि मंत्रालय तीन महीने के भीतर सूचना इकट्ठा कर ले जिससे सभी मदरसे योजना के तहत इन सुविधाओं का लाभ उठा सकें। बता दें, इसके अलावा समिति ने मंत्रालय से यह भी सिफ़ारिश की है कि मंत्रालय सभी राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करे कि वे तीन महीने की भीतर मान्यता प्राप्त या गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में जानकारी इकट्ठा करके रिपोर्ट तैयार कर दे जिसमें उनके बुनियादी ढांचे, शिक्षक और छात्र से जुडी जानकारी शामिल हों, ताकि सभी मदरसों को योजना के तहत उपलब्ध सुविधाएं मिल सकें और वह इसका लाभ उठा सकें।
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