September 28, 2024
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Parliament comittee: संसदीय समिति ने रखा प्रस्ताव, मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने पर हो छह महीने की सजा

Parliament comittee: संसदीय समिति ने रखा प्रस्ताव, मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने पर हो छह महीने की सजा

  • WRITTEN BY: Sachin Kumar
  • LAST UPDATED : November 14, 2023, 5:09 pm IST

नई दिल्लीः संसदीय समिति ने भारतीय न्यया संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम विधेयकों के ड्राफ्ट का विश्लेषण किया उसमें जरुरी बदलाव के लिए प्रस्ताव रखा है। समिति ने सलाह दी है कि मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने के दोषी को कम से कम छह महीने की सजा होनी चाहिए। साथ ही 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाना चाहिए। भाजपा सांसद बृजलाल की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा है कि मिलावटी खाने का लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और इसके लिए मौजूदा प्रावधान अपर्याप्त है।

सजा बढ़नी चाहिए

समिति का कहना है कि मिलावटी खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ जनता को व्यापक तौर पर नुकसान पहुंचाता है और इसके लिए दी जाने वाली सजा काफी नहीं है। संसदीय समिति ने मिलावट के दोषी को कम से कम छह महीने जेल की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाने की सलाह दी है। बता दें कि मौजूदा कानून के तहत मिलावटी खाना बेचने की सजा अधिकतम छह महीने या एक हजार रुपए का जुर्माना या दोनों है।

सामुदायिक सजा के प्रावधान की बाते भी कही

संसदीय समिति ने बीते शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट राज्यसभा को सौंप दी है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय न्याय संहिता में सजा के तौर पर सामुदायिक सेवा को शामिल करने के कदम की तारीफ की है। समिति ने कहा कि इससे जेलों का भार कम होगा। समिति ने इस कदम को सुधारात्मक दृष्टिकोण बताया है। हालांकि समिति ने यह भी कहा कि विधेयक में सामुदायिक सेवा की सजा की अवधि और प्रकृति साफ नही है और समिति ने इसे स्पष्ट करने की सलाह दी है।

समिति ने ये सलाह भी दी

संसदीय समिति ने कहा कि सामुदायिक सेवा की परिभाषा को स्पष्ट की जानी चाहिए और साथ ही एक व्यक्ति की नगरानी करने की सभी राय दी है। जो कि समुदायिक सेवा की निगरानी कर सकता हो। कुछ विधेयकों व्याकरण और टाइपिंग की गलतियां है जिन्हें सही करने की बात कही है। जानकारी दें दे कि सरकार आईपीसी एक्ट की जगह भारतीय न्याय संहिता, कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर एक्ट के बदले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लाने जा रही है।

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