नई दिल्लीः संसद की सुरक्षा में चूक होने के बाद गुरुवार को संसद भवन के भीतर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दी गई है। पुलिस और संसद के सुरक्षाकर्मी बिना जांच किए किसी को भी अंदर प्रवेश होने नहीं दे रही हैं। संसद भवन के कुछ ही कदम की दूरी पर परिवहन भवन के […]
नई दिल्लीः संसद की सुरक्षा में चूक होने के बाद गुरुवार को संसद भवन के भीतर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दी गई है। पुलिस और संसद के सुरक्षाकर्मी बिना जांच किए किसी को भी अंदर प्रवेश होने नहीं दे रही हैं। संसद भवन के कुछ ही कदम की दूरी पर परिवहन भवन के पास तैनात सुरक्षाकर्मी किसी को भी बैरिकेड के पार जाने की इजाजत नहीं दे रही है। लोगों को पहचान पत्र दिखान के बाद ही प्रवेश करने की इजाजत दी जा रही है।
मेघायल के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को संसद भवन के मकर द्वार से जाने की इजाजत नहीं दी गई। जिसके जिसके बाद वह अपनी कार से बाहर निकले और शार्दुल द्वार से संसद भवन के अंदर गए। संसद भवन के सदस्यों के वाहन चालकों को बिना पहचान पत्र के अंदर जाने की आज्ञा नहीं दी गई है। संसद भवन के बाहर पत्रकारों को भी पहचान पत्र देन पड़े है। संसद भवन की सुरक्षा में चूक के बाद नए भवन के मकर द्वार के माध्यम से सभी की प्रवेश रोक दी गई है। वहीं पत्रकारों को पुराने संसद भवन के गेट 12 के लॉन में स्थानांतरित किया गया है।
बता दें कि गुरुवार यानी 13 दिसंबर को संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही के दौरान नीले रंग की जैकेट पहना एक व्यक्ति सांसदों की सीट पर कूद गया। वह सभापति की आसन की तरफ जाने लगा। अफरा-तफरी के माहौल के बीच कुछ सांसदों ने हिम्मत दिखाकर उसे पकड़ लिया। सुरक्षा गार्ड भी दौड़कर आ गए। तभी उस युवक ने जूते के अंदर से स्प्रे निकाला। जिसके बाद वहां पीले रंग का धुआं उठने लगा। बाद में सांसदों और मार्शलों ने मिलकर दोनों को अपने काबू में ले लिया। जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही स्थगित कर दी।