नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (23 जुलाई) को नीट पेपर लीक केस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पेपर दोबारा नहीं होगा. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि परीक्षा रद्द होने से बड़ी संख्या में छात्र प्रभावित होंगे, इसलिए हम दोबारा परीक्षा करवाए जाने को न्यायोचित नहीं मानते हैं. सीजेआई ने मामले पर […]
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (23 जुलाई) को नीट पेपर लीक केस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पेपर दोबारा नहीं होगा. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि परीक्षा रद्द होने से बड़ी संख्या में छात्र प्रभावित होंगे, इसलिए हम दोबारा परीक्षा करवाए जाने को न्यायोचित नहीं मानते हैं. सीजेआई ने मामले पर अपना आदेश पढ़ते हुए कहा कि जांच में अभी तक हजारीबाग और पटना के 155 छात्रों के लाभार्थी होने की बात सामने आई है. ऐसे में सिर्फ 155 छात्रों की वजह से पूरी परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता है.
सीजेआई ने नीट मामले में सुनवाई करते हुए आगे कहा कि हो सकता है कि सीबीआई की जांच के बाद इस मामले की पूरी तस्वीर ही बदल जाए. आज हम किसी भी कीमत पर यह नहीं कह सकते हैं कि पेपर लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग में ही हुआ है.
इससे पहले सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि एनटीए की आंसर-की है. हमने एक्सपर्ट की टीम से इसकी जांच कराई थी. टीम ने बताया कि ऑप्शन नंबर-4 सही है और 2 गलत है. क्योंकि रेडियो एक्टिव एटम कभी स्टेबल नहीं होते हैं.
बता दें कि कोर्ट रूम में बहस के दौरान मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ याचिकाकर्ताओं के वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा पर भड़क गए. दरअसल नेदुम्पारा जब बोलने के लिए उठे तो सीजेआई ने उन्हें नरेंद्र हुड्डा के बाद बोलने के लिए कहा. जिसके बाद मैथ्यूज उठकर गैलरी में आ गए, इस पर सीजेआई नाराज हो गए. उन्होंने वकील नेदुम्पारा से कहा कि आप इस तरीके से उठकर गैलरी में नहीं आ सकते हैं.
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