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देवी शारदा की पंचधातु मूर्ति नए मंदिर में होगी स्थापित , 24 जनवरी से यात्रा की शुरुआत

श्रीनगर। सेव शारदा कमेटी कश्मीर (एसएससीके) ने जानकारी देते हुए बताया है कि कश्मीरी पंडितों की प्रमुख देवी शारदा की पंचधातु मूर्ति को 24 जनवरी को कर्नाटक के श्रृंगेरी से कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास टीटवाल के लिए वहां से निकाली जाएगी। वहां उन्हें 22 मार्च को नवनिर्मित मंदिर में स्थापित किया जाएगा। यात्रा […]

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देवी शारदा की पंचधातु मूर्ति नए मंदिर में होगी स्थापित , 24 जनवरी से यात्रा की शुरुआत
  • January 22, 2023 10:16 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

श्रीनगर। सेव शारदा कमेटी कश्मीर (एसएससीके) ने जानकारी देते हुए बताया है कि कश्मीरी पंडितों की प्रमुख देवी शारदा की पंचधातु मूर्ति को 24 जनवरी को कर्नाटक के श्रृंगेरी से कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास टीटवाल के लिए वहां से निकाली जाएगी। वहां उन्हें 22 मार्च को नवनिर्मित मंदिर में स्थापित किया जाएगा। यात्रा 24 जनवरी को श्रृंगेरी से शुरू होगी।इसे बेंगलुरु, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू और कुपवाड़ा के रास्ते ले जाया जाएगा।शारदा बचाओ समिति, कश्मीर के संस्थापक और प्रमुख रविंदर पंडिता ने कहा कि ये यात्रा बेंगलुरु में दो दिन बिताएगी। पंडिता आगे ने बताया कि मूर्ति यात्रा 20 मार्च को कुपवाड़ा के टिक्कर से तीतवाल पहुंच जाएगी ।

विभिन्न राज्यों से गुजरेगी यात्रा

बता दें , कमेटी के संस्थापक रविंदर पंडिता ने बताया कि , ज्ञान की देवी की मूर्ति को ले जाने के लिए एक वाहन भी खरीदा गया है और रथ में परिवर्तित भी किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक , मूर्ति 22 मार्च को मंदिर में स्थापित होने से पहले विभिन्न राज्यों से निकलेगी। पंडित से मिली जानकारी के अनुसार श्रृंगेरी दक्षिणायम शारदा पीठम एलओसी टीटवाल में नवनिर्मित शारदा मंदिर के लिए एसएससीके को पांच धातुओं से बनी मूर्ति को दे रहा है। रथ 24 जनवरी को श्रृंगेरी से आगे बढ़ेगा और बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू और कुपवाड़ा में टिक्कर अष्टप्पन से होकर जाएगी।

22 मार्च को होगी स्थापना

जानकारी के मुताबिक , देवी-पूजा के नौ शुभ दिनों चैत्र नवरात्रि के पहले दिन 22 मार्च को नवनिर्मित मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। पंडिता ने बताया कि समिति ने 22 मार्च को पीओके में चिल्हाना के माध्यम से सद्भावना के रूप में मंदिर के उद्घाटन के लिए नियंत्रण रेखा के पार अपने नागरिक समाज के सदस्यों को भी आमंत्रित पत्र भेजा है ।बता दें , मंदिर की अध्यक्षता टीटवाल के एक स्थानीय सरपंच द्वारा ही की जा सकती है। टीटवाल मंदिर महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि इस पवित्र छड़ी मुबारक को टीटवाल से मुख्य शारदा मंदिर तक ले जाया जाता था जोकि अब पीओके में स्थित है।

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