कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद के साथ कई जिलों में 696 बूथों पर आज सोमवार को पुनर्मतदान होगा। शनिवार (8 जुलाई) को पंचायत चुनाव के दौरान हुए हिंसा प्रदर्शन के बाद राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने दोबारा मतदान कराने का निर्णय लिया है। चुनाव आयोग को वोटिंग के दिन इन बूथों पर मतपेटियों को नुकसान […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद के साथ कई जिलों में 696 बूथों पर आज सोमवार को पुनर्मतदान होगा। शनिवार (8 जुलाई) को पंचायत चुनाव के दौरान हुए हिंसा प्रदर्शन के बाद राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने दोबारा मतदान कराने का निर्णय लिया है। चुनाव आयोग को वोटिंग के दिन इन बूथों पर मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने, फर्जी मतदान की और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद एसईसी ने राज्य में मतदान को रद्द कर दिया था।
अधिकारियों का कहना है कि पर्यवेक्षकों और रिटर्निंग अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के बाद कल रविवार (9 जुलाई) को एसईसी की बैठक हुई, जिसमें पुनर्मतदान कराने का निर्णय लिया गया है। इनमें मुर्शिदाबाद जिले में सबसे अधिक 175 बूथों पर दोबारा मतदान होगा। इसी के बाद नदिया में 89, मालदा में 112, कूचबिहार में 54, उत्तर दिनाजपुर में 42, दक्षिण 24 परगना में 36, उत्तर 24 परगना में 46, पूर्व मिदनापुर में 31, हुगली में 29 और बीरभूम जिले में 14 बूथ के नाम शामिल हैं।
दरअसल कल रविवार देर रात मुर्शिदाबाद के खारग्राम में हिंसा की खबर सामने आई है। इतना ही नहीं पुलिस की एक गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई। इलाके में पथराव की जानकारी मिलने के बाद खारग्राम में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
वहीं, पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बीएसएफ महानिरीक्षक एससी बुडाकोटी को चिट्ठी लिखकर पुनर्मतदान के दौरान हिंसा की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने की मांग की गई है। धीर रंजन चौधरी का कहना है कि पंचायतों के लिए मतदान के दौरान कम से कम 19 लोग मारे गए है। चौधरी ने कहा कि मतदान केंद्रों और उसके नज़दीकी केंद्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी यह सुनिश्चित करेगी कि मतदाता निडर होकर वोट डालें।
उन्होंने चिठ्ठी में लिखा कि कृपया सुनिश्चित करें कि केंद्रीय बल सभी मतदाताओं को सुरक्षा प्रदान करें, क्योंकि सत्तारूढ़ टीएमसी के गुंडों ने मतदाताओं को धमकी देना शुरू कर दिया है। इसलिए पुनर्मतदान के दिन समर्थन और केंद्रीय बलों की उपस्थिति आवश्यक है। ताकि राज्य के लोग सभी पुनर्मतदान केंद्रों पर स्वतंत्र और निर्भय होकर वोट डालें।