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Palani Temple: मद्रास हाईकोर्ट ने कहा मंदिर पिकनिक स्पॉट नहीं, गैर हिंदुओं की नो एंट्री

नई दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार यानी की 30 जनवरी को तमिलनाडु के मंदिरों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर निर्देश दिए हैं। इस दौरान कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के हिंदू धर्म और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग को सभी हिंदू मंदिरों में बोर्ड(Palani Temple) लगाने का आदेश दिया है। गैर-हिंदुओं को ‘कोडिमारम’ से आगे जाने की […]

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Palani Temple: मद्रास हाईकोर्ट ने कहा मंदिर पिकनिक स्पॉट नहीं, गैर हिंदुओं की नो एंट्री
  • January 31, 2024 9:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार यानी की 30 जनवरी को तमिलनाडु के मंदिरों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर निर्देश दिए हैं। इस दौरान कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के हिंदू धर्म और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग को सभी हिंदू मंदिरों में बोर्ड(Palani Temple) लगाने का आदेश दिया है।

गैर-हिंदुओं को ‘कोडिमारम’ से आगे जाने की अनुमति नहीं

बता दें कि सेंथिल की याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रही थी। इस दौरान कोर्ट की मदुरै पीठ की न्यायमूर्ति एस श्रीमथी इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मंदिर में मौजूद बोर्ड(Palani Temple) पर लिखा होना चाहिए कि मंदिर में ‘कोडिमारम (ध्वजस्तंभ) क्षेत्र से आगे जाने की अनुमति नहीं है।

मंदिर में सिर्फ पूजा-अर्चना हो

वहीं अदालत ने आगे कहा कि हिंदुओं को भी अपने धर्म का पालन करने का पूरा अधिकार है। इसके साथ ही अन्य धर्मों से संबंधित लोगों को अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने का अधिकार है। हालांकि उनके संबंधित धर्म के रीति-रिवाजों और प्रथाओं में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है। मंदिर में सिर्फ पूजा-अर्चना होनी चाहिए। मंदिर को पिकनिक स्पॉट ना समझा जाए।

सेंथिल कुमार ने याचिका दायर की थी

जानकारी दे दें कि याचिकाकर्ता सेंथिल कुमार ने प्रतिवादियों को अरुल्मिगु पलानी धनदायुतपानी स्वामी मंदिर और उसके उप मंदिरों में सिर्फ हिंदुओं को जाने की अनुमति का निर्देश देना का अनुरोध किया था।

कोर्ट ने क्या कहा?

इस दौरान अदालत ने आगे उत्तरदाताओं को निर्देश दिया कि उन गैर-हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत न दें जो कि हिंदू धर्म में विश्वास नहीं रखते हैं। यदि कोई भी गैर-हिंदू मंदिर में विशेष भगवान के दर्शन का दावा करता है, तो(Palani Temple) उत्तरदाताओं को उस शख्स से वचन लेना होगा कि उसका दर्शन करने वाले भगवान में विश्वास है और वह हिंदू धर्म के सभी रीति-रिवाजों और प्रथाओं का पालन करेगा। केवल यह वचन लेने के बाद ही उस गैर-हिंदू को मंदिर में जाने की अनुमति दी जा सकती है। कोर्ट ने आगे कहा कि जब भी ऐसे व्यक्ति को अनुमति दी जाए तो उसकी डिटेल मंदिर के रजिस्टर में जरूर दर्ज की जाए।

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