Pakistan Remain In FATF Gray List: पाकिस्तान की कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया है. साथ ही एफएटीएफ ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि वह टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को पूरी तरह से खत्म करने के लिए और ज्यादा सख्त कदम उठाए. हालांकि पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता उमर हमीद खान ने सभी मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा कि अंतिम एफएटीएफ में पाकिस्तान की स्थिति पर अंतिम फैसला शुक्रवार 18 नवंबर को आएगा.
Pakistan Remain In FATF Gray List: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से पाकिस्तान को लेकर बड़ी खबर सामने आई है है. दरअसल पाकिस्तान की कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने तय किया है कि पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा. इसके साथ ही एफएटीएफ ने पाकिस्तान को निर्देश दिया है कि वह टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को पूरी तरह से खत्म करने के लिए और ज्यादा सख्त कदम उठाए. पेरिस में मंगलवार को हुई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में टेरर फाइनेंसिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई है. बैठक के बाद तय किया गया है कि एफटीएफ पाकिस्तान की स्थिति पर आखिरी फैसला फरवरी 2020 में सुनाएगी.
पाकिस्तानी न्यूज चैनल आज टीवी के हवाले से कहा गया है कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान से टेरर फाइनेंसिंग को लेकर और ज्यादा कड़े कदम उठाने की गुजारिश की है. एफएटीएफ अपना फैसला शुक्रवार को 18 नवंबर को सुनाएगा. तभी पूरी स्थिति साफ हो पाएगी. हालांकि पाकिस्तानी मीडिया के दावों के उलट पाक वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता उमर हमीद खान ने देश को ग्रे लिस्ट में बने रहने की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है. हमीद ने कहा कि इन मीडिया रिपोर्ट्स में कोई सच्चाई नहीं है. शुक्रवार 18 अक्टूबर से पहले फैसले को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता है. पाक मीडिया के मुताबिक एफटीएफ ने पाकिस्तान को टास्क फोर्स की सिफारिशों को लागू करने के लिए चार महीने का वक्त दिया था.
पेरिस में चल रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर ने बताया है कि उनके देश ने टेरर फाइनेंसिंग को रोकने के लिए 27 मानकों में से 20 को पूरा कर लिया है. इसके अलावा डॉन न्यूज के रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान की ओर उठाए गए कदमों की तारीफ की है. एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में नहीं आने के पाकिस्तान को तीन देशों के समर्थन की जरूरत थी, जो चीन, तुर्की और मलेशिया ने दे दी है. डॉन न्यूज की रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है भारत ने एफएटीएफ की बैठक में कहा कि इस्लामाबाद ने आतंकी हाफिज सईद को फ्रीज अकाउंट से पैसे निकालने की मंजूरी दी इसलिए पाक को ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए.
ब्लैकलिस्ट में जाने पर पाकिस्तान पर पड़ेंगे यह असर-
1- अगर एफएटीएफ पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर देती है तो उसके लिए कर्ज हासिल करना मुश्किल हो जाएगा.
2- ब्लैकलिस्ट होने के बाद पाकिस्तान में विदेशी निवेश के दरवाजे बंद हो जाएंगे.
3- ब्लैकलिस्ट होने बाद पाकिस्तान की रेटिंग वैश्विक वित्तीय संस्थाएं कम कर देंगी. जिसके चलते विदेशी कंपनियों का पाकिस्तान में निवेश करना मुश्किल हो जाएगा.
4- इसके साथ ही पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ से आसानी से पैसा नहीं ले सकेगा. उसका दोस्त चीन भी कर्ज देने से इनकार कर सकता है.