Pakistan Political Crisis नई दिल्ली, Pakistan Political Crisis पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब कुछ दिनों के मेहमान बताए जा रहे है. वे खुद सियासत के चक्रव्यूह में बहुत बुरी तरह से फंस गए हैं, जिससे बाहर निकलना उनके लिए नामुमकिन बताया जा रहा है. पाकिस्तान की संसद में आज इमरान खान के खिलाफ अविश्वास […]
नई दिल्ली, Pakistan Political Crisis पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब कुछ दिनों के मेहमान बताए जा रहे है. वे खुद सियासत के चक्रव्यूह में बहुत बुरी तरह से फंस गए हैं, जिससे बाहर निकलना उनके लिए नामुमकिन बताया जा रहा है. पाकिस्तान की संसद में आज इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होनी है, जिसके बाद 3 अप्रैल को वोटिंग होगी। इस दिन यह साफ़ हो जाएगा कि इमरान सियासत की पिच पर बने रहेंगे या आउट हो जाएंगे.
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सांसद है. इमरान खान की सरकार पीटीआई को सत्ता में बने रहने के लिए 172 सांसदों की जरूरत है. लेकिन सदन में उनकी पार्टी के केवल 155 सदस्य है. जिसके बाद उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (Q)- 5 सीट, बलूचिस्तान अवामी पार्टी- 5 सीट, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान- 7 सीट, ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस- 3 सीट, अवामी मुस्लिम लीग- 1 सीट और इंडिपेंडेट सदस्यों के साथ गठबंधन कर कुल 179 सांसदों से अपना बहुमत पेश किया था.
वहीँ अविश्वास प्रस्ताव के बाद स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त विपक्ष ने अब तक 169 सदस्यों का समर्थन हासिल कर लिया है. हालांकि सरकार बनाने के लिए उन्हें अभी भी 3 सांसदों की जरूरत है.
साल 2018 में पहली बार इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी. ख़बरों की माने तो इमरान खान को सत्ता में लाने में सेना ने अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन अब जब खुद सेना उनके साथ नहीं है तो उन्हें हटाने की पूरी तैयारी हो गई है. इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ चुका है.
जैसे ही इमरान खान सत्ता में आए उन्होंने साल 2019 में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल बढ़ा दिया. लेकिन बाद में (अक्टूबर 2021) जब आर्मी चीफ ने उन्हें आईएसआई चीफ के ट्रांसफर के लिए कहा तो तब इमरान खान ने शुरुआत में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, बाद से हीइमरान खान और जनरल बाजवा के बीच तनातनी हो गई.
इस साल के शुरुआत में पाकिस्तानी सेना पर विपक्ष ने डीलबाजी का आरोप लगाया. जिसपर सेना प्रमुख ने बताया कि वे न्यूट्रल हैं. इसी बयान के बाद सेना और इमरान के बीच दूरियां बढ़ गई.
इसके बाद मार्च 20 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय सेना की तारीफ कर दी. उन्होंने कहा कि “मैं हिंदुस्तान की तारीफ करता हूं, हिंदुस्तान ने हमेशा आजाद विदेश नीति रखी. भारत अमेरिका का सहयोगी है लेकिन खुद को न्यूट्रल कहता है. जब सभी देशो ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हुए है, तब भी भारत उससे तेल खरीद रहा है. क्योंकि भारत की विदेशी नीति लोगों की बेहतरी के लिए है.”
30 मार्च को आर्मी चीफ ने करीब 3 घंटे तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बातचीत की. ऐसी खबरे थी कि सेना ने भी इमरान की कुर्सी बचाने में मदद करने से इनकार कर दिया है. लेकिन इस बात का खंडन इमरान सरकार के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने मजबूती से किया और उन्होंने ये दावा किया कि सेना प्रमुख ने इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा है.’