नई दिल्लीः पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार और पाकिस्तानी सेना शुक्रवार को एक सेवारत अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और सेना के जवान आमने-सामने है। ईद के दिन यह मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया रहा। गौरतलब है कि मदरसा पुलिस के स्टेशन हाउस अधिकारी समेत चार कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार […]
नई दिल्लीः पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार और पाकिस्तानी सेना शुक्रवार को एक सेवारत अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और सेना के जवान आमने-सामने है। ईद के दिन यह मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया रहा। गौरतलब है कि मदरसा पुलिस के स्टेशन हाउस अधिकारी समेत चार कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार हुए सभी लोगों पर एक व्यक्ति और उसके दो बेटों के अधिकार का दुरुपयोग का आरोप है।
इस मामले ने तूल पकड़ा और एक अन्य पुलिसकर्मी मारूट पुलिस एसएचओ को निष्कासित कर दिया गया। साथ ही सोशल मीडिया पर गलत सूचना प्रसारित करने के लिए उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। गौरतलब है कि 10 अप्रैल को मदरसा पुलिस थाने में इंस्पेक्टर सैफुल्लाह हनीफ की शिकायत पर दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि पूर्व एसआई/एसएचओ रिजवान अब्बास, एएसआई मोहम्मद नईम, कांस्टेबल मोहम्मद अब्बास और अली रजा ने मोहम्मद खलील और मोहम्मद इदरीस और उनके पिता मोहम्मद अनवर को अरेस्ट किया, जिन्हें 8 अप्रैल को दर्ज हुई एफआईआर में नामजद किया गया था।
आरोपी पुलिसकर्मियों ने उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बजाए 24 घंटे से अधिक समय तक थाने में हिरासत में रखा। सूत्रों के अनुसार एएसआई नईम और थानेदार रिजवान अब्बास ने सात अप्रैल को चक सरकारी निवासी मोहम्मद अनवर के बेटे रफाकत को बिना लाइसेंस की पिस्तौल रखने के आरोप में अरेस्ट करने के लिए उसके घर पर छापेमारी की थी।
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